उज्जैन। सावन-भादौ मास के बाद भगवान महाकाल की कार्तिक और अगहन मास की पहली सवारी सोमवार को निकाली गई। शाम 4 बजे भगवान का विधि-विधान से पूजन किया गया। इसके बाद चांदी की पालकी में बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने निकले।
मंदिर से प्रारंभ हुई सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंची। यहां पूजन अभिषेक के बाद वापसी में सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होकर देर शाम वापस मंदिर लौट गई।
महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा के अनुसार कार्तिक और अगहन महीने में भगवान महाकाल की चार सवारियां निकाली जाती हैं। पहली सवारी निकालने से पहले मंदिर के सभामडंप में भगवान के मुखौटे का पूजन किया गया। इस दौरान मंदिर के पुजारी, पुरोहित व मंदिर समिति के अधिकारी मौजूद रहे।