सतना। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में 9 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामा से प्रकरणों का निराकरण सर्वाेत्तम तरीका है, जिससे समय एवं धन की क्षति रूकती है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। जिला विधिक सहायता अधिकारी ने 9 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत की जानकारी देते हुए कहा कि समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया जा रहा है जिससे प्रकरण पूरी तरह समाप्त हो जाता है और सभी पक्षकारों की जीत होती है। उन्होने मध्यस्थता प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रक्रिया के अंतर्गत न्यायालय के बाहर आपसी समझौता होता है जिसे वापस न्यायालय में प्रेषित किया जाता है, तद्नुसार न्यायालय द्वारा समझौते का निर्णय दिया जाता है। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरणों, सिविल प्रकरणों, चेक बाउंस प्रकरणों, वैवाहिक एवं पारिवारिक प्रकरणों, विद्युत अधिनियम के प्रकरणों, धन वसूली प्रकरणों आदि का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति से किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलो वाट तक के गैर-घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जावेगी। इन प्रकरणों में प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। प्रिलिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि में 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत दिनांक 9.12.2023 में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस, अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जावेगी। नगरीय निकाय के अंतर्गत संपत्तिकर एवं जलकर के अधिभारों में छूट दी गई है। संपत्तिकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 50 हजार रूपये बकाया है उसमें अधिभार पर 100 प्रतिशत, 50 हजार से अधिक तथा एक लाख रूपये बकाया होने पर 50 प्रतिशत एवं एक लाख से अधिक बकाया होने पर अधिभार में 25 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि 10 हजार रूपये बकाया है उनमें मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत, 10 हजार रूपये से अधिक तथा 50 हजार रूपये तक बकाया होने पर अधिभार में 75 प्रतिशत एवं 50 हजार रूपये से अधिक बकाया होने पर अधिभार में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। यह छूट वर्ष 2022-2023 तक की बकाया राशि पर ही देय होगी तथा छूट उपरांत राशि अधिकतम दो किश्तों में जमा करवाई जा सकेगी जिसमें से कम से कम 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन जमा करवाना अनिवार्य होगा। उन्होंने अपील की है कि 9 दिसंबर 2023 को न्यायालय में उपस्थित होकर अपने राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण कराये तथा विवाद विहीन समाज की संकल्पना में न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करें। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सभी राजस्व अधिकारियों के न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य एवं सहमति से निराकरण योग्य प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करने के निर्देश दिये हैं।