देवास। पुलिस ने अपहरण किये गए युवक को ग्राम सूरी थाना नाहरगढ़ मंदसौर से दस्तयाब किया है। एडिशनल एसपी जयवीर भदौरिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार पीड़ित युवक भावेश देशी कट्टे खरीदने आरोपी हेमराज के पास पहुंचा था, जिसे मक्सी बायपास से कट्टे दिखाने के बहाने वैगनार कार में बैठाकर ले गए और अपहरण कर लिया। इसके बाद आरोपियों ने अगले दिन फिरौती की मांग कर दी।
दरअसल औद्योगिक थाना पुलिस को 29 नवम्बर को सूचना मिली थी कि भावेश उर्फ शिब्बू पिता ललित सोनी निवासी गंगानगर कहीं गायब हो गया है। जिसकी रिपोर्ट परिजनों ने औद्योगिक थाने में दर्ज करवाई थी। भावेश के गायब होने के अगले ही दिन परिजन जब भावेश के नम्बर पर कॉल करते हैं तो कोई महिला 40 लाख रुपयों की मांग करती है। इसी फ़ोन को लीड मानकर पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की। जांच में पता चला कि भावेश अपने दोस्त के साथ ही मक्सी बायपास पर गया था।
दोस्त ने परिजनों को बताया कि किसी के साथ वह चला गया है। परिजनों ने जब भावेश को फ़ोन लगाया तब उसका फ़ोन बंद आ रहा था। अगले दिन उसका फ़ोन चालू था। फ़ोन से ही उसकी लोकेशन ट्रेक की गई। देवास पुलिस ने अलग-अलग टीम बनाकर टेक्निकल टीम की मदद ली। फिर अपनी टीम रतलाम व मंदसौर में दबिश के लिए भेजी। पुलिस ने ग्राम बरखेड़ा कला जिला रतलाम व ग्राम सूरी जिला मंदसौर से आरोपी हेमराज शर्मा, सपना शर्मा, गुड्डी सोलंकी व गोविंद को हिरासत में लिया। जानकारी के मुताबिक मंदसौर के ग्राम सूरी में अपहरण हुए भावेश को रखा गया था, जहां से पुलिस ने उसे मुक्त कराया है।
अपहरण हुए भावेश और उसकी माता जी ने बताया कि पुलिस ने उसे बचाया है। वह किसी कार्य से उसके पूर्व किरायेदार हेमराज शर्मा के पास पहुंचा था। उस दौरान आरोपीगण उसे भरोसे में लेकर वैगनआर कार में बैठा कर ले गए थे और ग्राम सूरी थाना नाहरगढ़ जिला मंदसौर में गुड्डी बाई के घर बंदी बना दिया था। अगले दिन भावेश का फ़ोन चालू कर परिजनों से आरोपी महिलाओं ने 40 लाख फिरौती की मांग की। 3 दिनों तक उसे बंधी बनाकर रखा गया व यातनाएं दी। लेकिन अंत में पुलिस ने उसकी मदद की। अब भावेश परिवार से मिलकर खुश है।
एडिशनल एसपी जयवीर भदौरिया ने बताया कि कम समय में पैसा कमाने के चलते भावेश कट्टे के व्यापार में घर से निकला था। जहां उसके पूर्व के किराएदार हेमराज व उसकी पत्नी व दो और आरोपियों ने उसे बंधी बना लिया व 40 लाख रुपये की मांग की थी। उक्त प्रकरण में पुलिस कर्मियों की अलग-अलग टीम बनाकर सफलता पूर्वक अपहरण हुए भावेश को मंदसौर जिले से छुड़वाया है। 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी के पुराने प्रकरण जांचे जा रहे हैं। पुलिस की टीम ने सराहनीय कार्य किया है। जिसमें सायबर सेल टीम की मुख्य भूमिका रही है। एडिशनल एसपी ने बताया मामला संगीन था इसलिये इसे गुप्त रखा गया था। भावेश के परिजनों ने एडिशनल एसपी जयवीर भदौरिया, टीआई औद्योगिक व पुलिस की टीम की सराहना की व इस उपलब्धि पर स्वागत कर धन्यवाद दिया है।