नीमच। शहर की जनता इन दिनों नामांतरण, लीज नवीनीकरण और बंगला बगीचा व्यवस्थापन को लेकर परेशान है। आचार संहिता के बहाने नीमच नगर पालिका में नामांतरण, लीज नवीनीकरण और बंगला बगीचा के व्यवस्थापन व पट्टों की फाइलें इन दिनों रुकी पड़ी है। लेकिन नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों को जनता की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है। जैसा की विदित है कि लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो चुकी है। अब जनता नामांतरण और लीज़ नवीनीकरण को लेकर नगर पालिका के चक्कर काट रही है। नीमच के अलावा अन्य कई शहरों में यह सारे कार्य निर्बाध्य ढंग से हो रहे हैं। आचार संहिता इस मामले में कहीं आड़े नहीं आती।
नगर पालिका के पार्षद और अधिवक्ता राजेश लालवानी द्वारा मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव नगरीय विभाग को पत्र लिखकर मांग की है कि नगर पालिका आचार संहिता की आड़ में पूर्व से स्वीकृत लीज नवीनीकरण एवं नामांतरण तथा नीमच सीमा अन्तर्गत छावनी क्षेत्र भूमि व्यवस्थापन नियम 2017 के तहत पट्टानामा पंजीयन नहीं कर आम जनता को परेशान कर रही है।जबकि आदर्श आचार संहिता में पूर्व से स्वीकृत कार्य को किए जाने में किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। लीज नवीनीकरण और नामांतरण के पट्टनमा से आचार संहिता का कोई उलझन नहीं होता है। कर्मचारी जानबूझकर नगरपालिका के वित्त का संग्रह नहीं कर रहे हैं। भाजपा के पार्षद जीनू मेहता ने भी इस विषय में कलेक्टर दिनेश जैन से मुलाकात करने और ज्ञापन देने की बात कही है। सवाल यह उठता है कि सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ और नगर पालिका का अमला इस मामले में आचार संहिता का बहाना क्यों बना रहा है।