बालाघाट। बुधवार को लामता का चप्पा-चप्पा बंद रहा। लामता के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान से लेकर चाय-नाश्ते की दुकानों पर सन्नाटा पसरा था। इसका असर आवागमन पर भी पड़ा। बंद की पूर्व घोषणा के कारण बस स्टैंड में यात्रियों की संख्या काफी कम रही। हालांकि आवश्यक सेवाओं को बंद से अलग रखा गया।
लामता क्षेत्रवासियों की मांग है कि लामता आसपास के दर्जनों थाना क्षेत्र के लोगों के आवागमन का केंद्र बिंदु है। यहां से गुजरने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं है। साथ ही पैसेंजर ट्रेनें समय पर नहीं चलतीं। इससे क्षेत्र के लोगों को रेल सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इसी मांग को लेकर लामता क्षेत्रवासियों ने 30 जुलाई बुधवार को लामता बंद का आह्वान किया था। व्यापारियों और दुकानदारों ने स्वस्फूर्त होकर रेल सुविधाओं के लिए बंद का समर्थन किया है।
व्यापारी और क्षेत्रीय जनता चाहती है कि नेरोगेज टाइमिंग पर ब्रॉडगेज ट्रेन चलाई जाए। साथ ही लामता में एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज दिया जाए। वर्तमान में जबलपुर-गोंदिया के बीच चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों का लामता में स्टॉपेज नहीं है।
आगामी समय में चलने वाली जबलपुर से रायपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के जारी स्टॉपेज शेड्यूल में भी लामता शामिल नहीं है। इससे व्यापारी और क्षेत्रीय जनता में नाराजगी है।
सरपंच हुलासमल कोचर ने बताया कि बैहर, मलाजखंड से लेकर इस क्षेत्र के लोग और क्षेत्रीय व्यापारी लामता से ही रेल यात्रा करते हैं। लेकिन पैसेंजर ट्रेन की टाइमिंग सही नहीं होने और एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज न होने से क्षेत्रवासी नाराज हैं।
बंद के बाद एक रैली निकाली जाएगी और रेलमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।