छतरपुर। नशे से दूरी है जरूरी अभियान के समापन पर बुधवार को शहर की पुलिस लाइन से विशेष बाइक रैली निकाली गई। रैली में डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और शहरवासियों ने भाग लिया। मध्य प्रदेश में 15 से 30 जुलाई तक चले इस अभियान को डीआईजी ललित शाक्यवार ने डीजीपी द्वारा उठाया गया क्रांतिकारी कदम बताया।
शहर में निकली रैली का जगह-जगह फूल मालाओं से स्वागत किया गया। रैली में स्कूली बच्चे भी शामिल थे और सभी बाइक सवार हेलमेट पहने हुए थे। डीआईजी शाक्यवार ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य घर-घर जाकर नशा मुक्ति के बारे में जागरूकता फैलाना और नशे के नकारात्मक प्रभावों से लोगों को अवगत कराना था।
अभियान के दौरान पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों ने स्कूल और कॉलेजों में जाकर छात्रों से सीधा संवाद किया और नशे के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डीआईजी बोले- नशा सबसे पहले घर का सत्यानाश करता है
डीआईजी ने कहा, नशा सबसे पहले घर का सत्यानाश करता है, फिर जिले का सत्यानाश करता है। उन्होंने बताया कि नशा मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से व्यक्ति और परिवार को बर्बाद कर देता है। नशे से होने वाली प्रमुख समस्याओं में घरेलू हिंसा, छोटी-छोटी बातों पर आक्रामक होना और शराब पीकर गाड़ी चलाना शामिल है, जिससे अस्वाभाविक मौतें होती हैं।
उन्होंने दुख व्यक्त किया कि अक्सर लोग अपने बच्चों या माता-पिता को खोने के बाद ही नशे की भयावहता को समझ पाते हैं। मीडिया में भी शराब पीकर बाइक चलाने या पति द्वारा पत्नी की हत्या जैसी खबरें इस समस्या की गंभीरता को दर्शाती हैं।