रतलाम। बिले फाउंडेशन नवांकुर संस्था द्वारा प्रदप्त एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम अंतर्गत बिलकेश्वर महादेव की प्रेरणा से उनकी महाप्रसादी स्वरूप बेलपत्र के पौधे के निशुल्क वितरण किए गए। कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा अपनी धर्मपत्नी एवं बेटे सहित बिलवृक्ष के पौधे देते हुए उपस्थित सभी मातृशक्ति को संकल्प दिलाया गया।
कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा कहा गया महिलाएं हरियाली सखी बनकर कार्य कर रही है यह समाज के लिए एक अच्छा संकेत है। शिव उपासना, साधना के लिए कल्याण की आकांक्षा रखते हुए यदि कोई बेलपत्र के वृक्ष का रोपण एवं उसके पत्र का अर्पण करना आध्यात्मिक एवं पर्यावरण दोनों ही दृष्टि से लाभकारी है। अनेक समस्याओं सहित पर्यावरण की समस्या से भी बहुत हद तक मुक्ति मिल सकती है। कलेक्टर बाथम द्वारा इसे मध्य प्रदेश शासन के वायुदूत ऐप पर भी अपलोड करने का सुझाव दिया गया। संस्था के उपाध्यक्ष विक्रमादित्य पाटीदार ने बताया कि आज आदर्श गांव प्रस्फुटन समिति के सदस्यों एवं गांव के युवाओं द्वारा तकरीबन 551 पौधों का वितरण निशुल्क किया गया।
अगले वर्ष के लिए संस्था द्वारा एक बिल वृक्ष उपवन (नर्सरी) तैयार कर 5001 पौधे तैयार किए जाएंगे एवं श्रावण मास के प्रति सोमवार संस्था द्वारा शिव भक्तों के संकल्प लेने पर उन्हें निशुल्क बिलवृक्ष का पौधा दिया जाएगा।बिले फाउंडेशन संस्था अध्यक्ष निर्मला अशोक पाटीदार द्वारा एक बिल्ववृक्ष नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सभी रोपित पौधों के फोटो संकल्प अनुसार रोपित करने वाले दंपतियों से मंगवाया जाने की बात कही गई। समय-समय पर उनकी देखरेख खाद एवं पानी देना उनकी विकास प्रक्रिया इत्यादि की जानकारी संस्था द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप पर डाली जाएगी। किसी प्रकार की समस्या होने पर उनका समाधान किया जाएगा। 5 वर्ष सतत् मॉनिटरिंग संस्था द्वारा किए जाने की योजना है।
बिलपांक थाने में पदस्थ एसआई सुनील सिंह ने कहा श्रावण मास में यहां आने वाले दर्शनार्थियों जिसमें आसपास से बड़ी संख्या में लोग आते हैं शिव भक्तों की बढ़ती हुई संख्या देखकर बिल वृक्षों का रोपण अत्यंत आवश्यक है। बिले फाउंडेशन संस्था के इस पुनीत कार्य को साधुवाद।
समिति अध्यक्ष राजेश मकवाना द्वारा बताया गया एक पेड़ मां के नाम अंतर्गत अभियान प्रत्येक व्यक्ति मातृशक्ति को संकल्प दिलाकर एक फॉर्म भरा गया जिसमें उनकी पूरी डिटेल्स,संपर्क पता आदि जानकारी ली गई।
मंदिर पुजारी विजय तिवारी ने बताया भगवान बिलकेश्वर महादेव के पूजन में अभिषेक व बिल्वपत्र का प्रथम स्थान है।बेल वृक्ष हमारे यहां संपूर्ण सिद्धियों का आश्रय स्थल है। बिल्वपत्र सभी देवी-देवताओं को अर्पित करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। ’न यजैद् बिल्व पत्रैश्च भास्करं दिवाकरं वृन्तहीने बिल्वपत्रेसमर्पयेत’ के अनुसार भगवान सूर्यनारायण को भी पूरी डंडी तोड़कर बिल्वपत्र अर्पित कर सकते हैं।
विरुपाक्ष मंदिर के मुख्य पुजारी कन्हैयालाल शर्मा ने बताया की इसके वृक्ष के दर्शन व स्पर्श से ही कई प्रकार के पापों का शमन हो जाता है तो इस वृक्ष को कटाने अथवा तोड़ने या उखाड़ने से लगने वाले पाप से केवल ब्रह्मा ही बचा सकते हैं। अतः किसी भी स्थिति में इस वृक्ष को नष्ट होने से बचाने के लिए प्रयत्नशील रहना आध्यात्मिक एवं पर्यावरण दोनों की दृष्टि से लाभकारी है। इसके फल की समिधा से लक्ष्मी का आगमन होता है।
इस अवसर पर जन अभियान परिषद ब्लॉक समन्वयक शैलेंद्र सिंह सोलंकी, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि कमलेश शर्मा, यज्ञ समिति के विनोद भगत,पर्यावरण प्रेमी नवीन पाल ,परामर्शदाता धर्मपाल शर्मा आदि उपस्थित थे।एमएसडब्ल्यू छात्र काजल टांक, पंकज टांक, सामाजिक कार्यकर्ता संजय नाश्ता, शुभम पाटीदार, संदीप अमृतीया, कृष्णा पाटीदार, अर्जुन नाहर, संदीप गोयल एवं तनीषा, नेहा एवं निरुपमा आदि महाविद्यालय छात्राओं द्वारा उपस्थित मातृशक्ति के फॉर्म भरे गए।