NEWS : अब झालावाड़ में भी निकाले जा सकेंगे मानव अंग, मिलेगी लोगों को नई जिंदगी, राजस्थान सरकार के पूरक बजट में घोषणा का भारत विकास परिषद ने किया स्वागत, पढ़े विशाल श्रीवास्तव की खबर

February 17, 2023, 7:09 pm




झालावाड़। राजस्थान सरकार द्वारा पूरक बजट 2023-24 में मुख्यमंत्री के द्वारा राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर की स्थापना की घोषणा का संभाग में नेत्रदान और अंगदान का प्रमुखता से कार्य कर रही संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन एवं भारत विकास परिषद ने स्वागत किया है।  भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि बजट पूर्व राज्य की जनता से मांगे गए सुझाव में भारत विकास परिषद एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत को नेत्रदान एवं अंगदान के विषय में बजट घोषणा करने के लिए सुझाव प्रेषित किए थे। गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में पूरक बजट प्रस्तुत करते हुए राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है, जिसका भारत विकास परिषद एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा स्वागत किया गया है। परिषद के नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के अनुसार संभवत पूरे देश में पहली बार अंगदान जैसे विषय पर किसी राज्य के द्वारा बजट में इतनी बड़ी घोषणा की गई है। इससे राजस्थान में अंगदान के कार्य को काफी बढ़ावा मिलेगा एवं इस घोषणा के माध्यम से झालावाड़ में भी नेत्रदान एवं अंगदान का कार्य संभव हो पाएगा। कमलेश दलाल ने आगे और जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान की तरह अन्य अंगो का भी दान होता है। जहाँ नेत्रदान मृत्यु के पश्चात होता है, वंही अंगदान मृत्यु से पहले केवल अंगदाता के ब्रेनडेथ कंडीशन में होने पर ही हो पाता है, किसी दुर्घटना या अन्य कारण से अंगदाता के ब्रेनडेथ घोषित होने पर अंगदान परिजनों की सहमति से बड़े हॉस्पिटल में ही होता है, जहां अंगदाता के कॉर्निया (नेत्र) के साथ-साथ हॉर्ट, लंगस, किडनी, लीवर, पेनक्रिया, इंटेस्टाइन, हार्ट वाल्व, बोन्स, स्किन आदि का उतत्सरण करके देह (डेड बॉडी) वापस परिजनों को सौंप दी जाती है, और शरीर के इन अंगों को जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। इस प्रकार एक अंगदान से 12 लोगों को नई जिंदगी दी जा सकती है, परंतु मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 HOTA-1994 एवं कालांतर में संशोधित THOA-2011 के अंतर्गत इसके लिए संस्थागत प्रयासों में सबसे पहले ब्रेन डेथ डिक्लेरेशन कमिटी का गठन होना आवश्यक है उसके पश्चात विशेषज्ञों की नियुक्ति होगी एवं उसके पश्चात ही अंगों का उत्तसरण हो सकेगा। वैसे वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार कोटा में ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर एवं सितंबर 2020 में ही झालावाड़ में नोन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर की घोषणा की गई थी, जहां कोटा में ब्रेनडेथ कमेटी की स्थापना के बाद भी विशेषज्ञों के अभाव में अंग उत्तसरण का यह कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है, वहीं झालावाड़ में तो अभी तक ब्रेनडेथ कमेटी की भी स्थापना नहीं हुई है। 

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