दूदरसी। स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के संस्था-स्तरीय शिविर के पाँचवें दिवस के बौद्धिक सत्र में उक्त विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना जिला नीमच के जिला संगठक डॉ एम एस सलूजा ने योग्य के महत्व को बताते हुए योग के आठ अंगों के बारे में की जानकारी प्रदान की।
डॉ एम एस सलूजा ने योग व प्राणायाम के प्रकार व इनसे होने वाले लाभों को समझाया। योगासन से कई बीमारियाँ जेसे दमा, ऐलर्जी, ब्लड-प्रेशर, शुगर जैसी बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। जलनेती, सूत्रनेती के साथ-साथ ही उस, भारतीय संस्कृति में प्रचलित मंदिर में माथा टेकने से एड्रेनल ग्रंथि सक्रिय होती है, ताली बजाने से ब्लड-प्रेशर व थाइरॉईड ग्रंथि से सम्बंधित बीमारियाँ ठीक होती है।
शिविर के पांचवे दिवस की शुरुआत कार्यक्रम अधिकारी प्रो राजेन्द्र सिंह सोलंकी ने शिविरार्थीयों को योग करा कर की। जिसमें सूर्य नमस्कार, गरूडासन, मयूरासन, अर्धमयूरासन तथा प्राणायाम करवाया गया।
तत्पश्चात शिविरार्थीयों द्वारा श्रमदान किया गया। जिसमें पंचायत भवन के आगे पीपल के पेड़ के आस-पास की सफ़ाई, पानी की टंकी की सफ़ाई साथ ही शौचालय निर्माण के कार्य को प्रारंभ किया। ग्राम के दशहरा मैदान के पास दशा माता पूजन स्थान पर एक चबूतरे का निर्माण शिविरार्थियो द्वारा किया गया।
बौद्धिक सत्र में कृषि विज्ञान केंद्र से प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ सीपी पचोरी ने जनसंख्या बढ़ने से होने वाली अन्न की कमीं को समझाया व अन्न उत्पादन के दौरान होने वाली मिलावटों से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र, नीमच से पधारे डॉ श्यामसिंह सारंगदेवोत ने जैविक खेती के बारे में जानकारी दी, साथ ही कीटनाशकों के फसल में डालने से व इनके सेवन से होने वाली ब्लू बेबी सिंड्रोम व कैन्सर जैसी ख़तरनाक बीमारियों की जानकारी दी। शिविरार्थियो को कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों साथ ही भोजन को व्यर्थ ना करने कि लिए जागरुक किया।
कार्यक्रम में रासयो के जिला संगठक डॉ एमएस सलूजा, सलाहकार डॉ जेसी आर्य, प्रो कल्याण सिंह वसुनिया व प्रो आस्था सैनी भी उपस्थित रहे।