जावरा। तहसील के सरसी गांव में इन दिनों भव्य मेला लग रहा है। जन-जन की आस्था के केंद्र कहे जाने वाले सरसी के राजा हनुमान मंदिर में एक भव्य मेला प्रतिवर्ष लगता हैं । 12 मार्च से 20 मार्च तक चलने वाले इस मेले को देखने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों भक्त सरसी नगर में पहुंच रहे हैं।
यहां पर कई रंगारंग कार्यक्रम प्रतिदिन आयोजित किए जा रहे हैं। तो वहीं प्रातः 11 बजे से शाम 4 बजे तक परम पूज्य राष्ट्रीय संत मिथिलेश नागर द्वारा श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। रात्रि में परम पूज्य राष्ट्रीय संत विनोद शर्मा द्वारा शिव पुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसको सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्त कार्यक्रम पांडाल में पहुंच रहे है। वहीं गुजरात पालीताणा के कलाकारों द्वारा रंगोलियां बनाकर दुल्हन की तरह पूरे गांव एवं सभी मंदिरों को सजाया गया हैं।
समिति के सदस्यों ने बताया कि 18 मार्च को ऐतिहासिक रक्तदान शिविर चुल समिति व मानव सेवा समिति रतलाम द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। जिसमें लगभग 110 यूनिट से अधिक रक्त संग्रहित हुआ। 19 मार्च रविवार को ऐतिहासिक विराट हास्य कवि सम्मेलन एवं 20 मार्च को प्रातः 7 बजे मंडफिया नगरी के राजा सांवरिया सेठ एवं हारे का सहारा जावरा नगर से बाबा श्याम की अलौकिक झांकी लेकर सरसी नगर में पहुंच रहे हैं, जिसका भूतेढ़ा से ऐतिहासिक प्रवेश किया जाएगा। जिसमें मुंबई के सुप्रसिद्ध ढोल डीजे बग्गी नगाड़े झाबुआ के आदिवासी नृत्य कलाकार इत्यादि शामिल रहेंगे। तत्पश्चात 101 लाभार्थी परिवार द्वारा बालाजी महाराज मंडफिया के राजा सांवरिया सेठ और हारे का सहारा बाबा श्याम को 101 भक्तों द्वारा ऐतिहासिक नगर भ्रमण करने के पश्चात छप्पन भोग लगाया जाएगा, जिसमें सैकड़ों भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है।
20 मार्च को शाम 6 बजे राजा हनुमान के दिव्य दरबार में चूल महोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें करीब 600 से अधिक भक्त धधकते हुए अंगारों से गुजरेंगे। वहीं रात्रि में ठीक 8 बजे देश के सुप्रसिद्ध भजन सिंगर गोकुल शर्मा एवं नरेश प्रजापति अपने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देंगे। ऐतिहासिक मेले जिसमें बड़े झूले चकरी, बच्चों के खिलौने कई प्रकार की दुकानें सज चुकी है एवं प्रतिदिन बाहर से पधार रहे भक्तों के लिए स्वादिष्ट भोजन भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
आपको बता दें यह आयोजन समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से किया जाता है जिससे ग्राम वासियों की एकता एवं धार्मिक भावना की अनूठी मिसाल पेश होती है।