REPORT : मंत्री सखलेचा ने सुखानंद में किया 7.50 लाख के सीढी निर्माण कार्य का भूमिपूजन, बोले- विकास कार्याे के लिए धर्मस्व विभाग ने स्वीकृत की 2.50 करोड की राशि, पढ़े खबर
नीमच। सुखानंद धाम में विभिन्न विकास कार्याे के लिए धर्मस्व विभाग व्दारा 2.50 करोड रूपये की राशि स्वीकृत की है। यहां एक करोड की लागत के 10 हजार वर्ग फीट के डोम निर्माण का कार्य चल रहा है। एक वर्ष में सुखानंद के विकास के लिए लगभग 6 करोड के विभिन्न विकास कार्य हो रहे है। इसके माध्यम से सुखानंद का पुरातन वैभव लौटाने का प्रयास किया जा रहा है। यह बात प्रदेश के सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा व्दारा शनिवार को सुखानंद में 7.50 लाख रूपये की लागत से स्वीकृत नवीन सीढीयों के निर्माण कार्य एवं रैलिंग लगाने के कार्य का भूमिपूजन करने के बाद सुखानंद मंदिर प्रबंध समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही।
इस मौके पर जनपद अध्यक्ष गोपाल चारण, श्याम काबरा, सचिन गोखरू, जनपद सदस्य दुर्गाशंकर बैरागी, अन्य जनप्रतिनिधि, समिति के सदस्य एवं तहसीलदार देवेन्द्र कछावा, जनपद सीईओ आकाश धार्वे, सीएमओ पीके सिह व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मंत्री सखलेचा ने कहा कि अप्रेल माह तक सुखानंद में डोम निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जावे। पुराने डोम में भोजनशाला, हाल तथा चार कक्ष बनाये जाये। उन्होने कहा कि अठाना से सुखानंद-राजस्थान सीमा तक सीसी सडक का कार्य प्रारंभ हो गया है। यह कार्य अप्रेल तक पूर्व करवाये। अठाना में बायपास का निर्माण भी हो रहा है।
उन्होने कहा, कि सुखानंद के झरने से बारहमास झरना प्रवाहित हो सके। इसके लिए पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी। मंत्री सखलेचा ने निर्देश दिए कि जलाभिषेक अभियान के तहत केनपुरिया डेम की 10 फीट गहराई बढाई जाये, जिससे अधिक जल संचय हो और क्षेत्र का जल स्तर बढ सकें। उन्होने सुखानंद में स्थित कूप का गहरीकरण करवाने के निर्देश भी दिए।
मंत्री सखलेचा ने कहा, कि सुखानंद में मई के प्रथम सप्ताह में प्रस्तावित मेले में तीन बडे धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम की की रूप रेखा तैयार की जावे। उन्होने कहा, कि समिति 5,6व 7 मई को तीन दिन तक अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर अवगत कराये। मंत्री सखलेचा ने कहा, कि इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए धन राशि संस्कृति विभाग व्दारा उपलब्ध कराई जावेगी। उन्होने सुखानंद धाम परिसर के सुव्यवस्थित विकास के लिए किसी अच्छे आर्किटेक्ट का चयन कर उससे मास्टर प्लान बनवाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में समिति सदस्य सुभाष चौधरी, रामलाल कीर, मदन धाकड, केसरीमल जैन, कमलेश सारडा, शांतिलाल चौहान, सचिन जैन, बाबूलाल नागर, बसंतीलाल नागदा एवं रामचंद्र धाकड आदि ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।