इंदौर | परीक्षा को लेकर बच्चों में अजीब तरह का तनाव देखा जा रहा है। ये तनाव ना पढ़ाई का है और ना परिजन का। बस अच्छे नंबर लाने को लेकर एक होड़ मची है। ऐसा ही एक मामला इंदौर में आया है, जहां एक बच्चे ने भाई से महज 3% कम अंक आने पर जान दे दी। परिजन भी हैरान हैं कि 92% बनने के बाद भी वह खुश नहीं था।
विजय नगर पुलिस के अनुसार 30 जून से इलाके के एक निजी अस्पताल में भर्ती 18 वर्षीय छात्र सुमित पिता राजेंद्र राजपूत की गुरुवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। उसने 30 जून को अपने घर ग्राम नौलाया जिला शाजापुर में जहर खा लिया था, तभी से उसका इलाज चल रहा था। परिवार के सदस्य विशाल राजपूत ने बताया कि वह शुजालपुर में अपने चाचा के यहां रहकर एक निजी स्कूल से 10वीं की पढ़ाई कर रहा था। उसके साथ ही चचेरा भाई कृष्णपाल भी पढ़ाई करता था। दोनों पढ़ाई में अव्वल थे। जब रिजल्ट आया तो कृष्णपाल के 95% आए, जबकि सुमित के 92% बने। इसे लेकर सुमित तनाव में आ गया। उसे घरवालों ने भी समझाया, लेकिन वह उदास ही रहता था। परिजन के अनुसार वह कहता था कि जब हम दोनों ने एक जैसी पढ़ाई की। दोनों ने एक जैसे पर्चे लिखे तो फिर अंक में अंतर कैसे। इसके बाद री-चेकिंग का फार्म भरवाया गया। कुछ दिन पहले उसका री-चेकिंग का रिजल्ट आया, लेकिन नंबर नहीं बढ़े। इसके बाद उसने जहर खा लिया। उसके परिवार में माता-पिता और छोटा भाई है।