सिंगोली। नगर में चातुर्मास कर रहे वात्सल्य वारिधि आचार्य शिरोमणि वर्धमान सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य द्वय मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज एवं दर्शित सागर जी महाराज की प्रेरणा से प्रेरित होकर नगर मे विगत 40 वर्षाे से कुल परम्परा के विरुद्ध (फुट वेयर) व्यवसाय कर रहे नरेंद्र कुमार एवं उनके पुत्र राहुल व सम्यक साकुण्या ने आज भरी सभा में गुरूदेव से कुल परम्परा के विरूद्ध व्यापार नही करने का प्रण लिया।
मिली जानकारी के अनुसार दिगंबर साधु साध्वी कुल परम्परा के विरुद्ध व्यापार करने वाले दिगंबर जैन परिवारो मे आहर आदी ग्रहण नही करते है। ऐसी दशा मे सिंगोली नगर मे दिगंबर संतो का चातुर्मास चल रहा है और नरेंद्र कुमार साकुण्या परिवार अपने कुल परम्परा के विरुद्ध व्यवसाय के कारण संतो को आहर कराने से वंचित रह रहा था, इस पर पुरा परिवार यहां विराजित मुनिश्री के पास पहुंचा और अपने 40 वर्षाे से चल रहे व्यवसाय को पूर्ण रूप से बंद करके मुनी श्री को आहर देने की इच्छा व्यक्त की और भरी सभा मे कुल परम्परा के विरूद्ध व्यवसाय नही करने का प्रण लिया मुनिश्री ने नरेंद्र साकुण्या परिवार को परम्परा के विरूद्ध व्यवसाय नही करने का आशीर्वाद दिया नरेंद्र साकुण्या परिवार ने मुनि श्री का पाद प्रक्षालन किया सभा मे विराजित समाजजन एवं वरिष्ठ श्रावको ने नरेंद्र साकुण्या परिवार की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए इनका सम्मान किया। गुरूदेव ने भी आपकी प्रशंसा करते हुए कहा की हम जैन कुल मे जन्मे है और ऐसा व्यापार करे यह उचित नही है। नरेंद्र साकुण्या परिवार ने भी गुरूदेव की प्रेरणा को अपने लिए जीवन बदलने वाली बात बताते हुए अपने आपको धन्य माना।