झाबुआ। जनजातियों को परंपराओं मान्यताओ और उनकी सांस्कृतिक पहचान समुदायिक संसाधनों और विवादों को हल करने के पारंपरिक रीति रिवाज तौर-तरीकों को सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु ग्राम तड़वी एवं पटेलों का प्रशिक्षण संपन्न हुआ।
जिसमें पेसा ब्लाक समन्वयक विजु मावी ने पेसा के सभी प्रावधानों को विस्तार रूप से बताया। ग्राम की सनातन संस्कृति और परंपरागत रीति रिवाजों का सरंक्षण करना एवं गांव के देव स्थानों की रूढ़िगत पूजा पद्धति एवं अपने पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरागत संस्कृति को बनाए रखने को कहा। ग्राम में तड़वीयों की क्या भूमिका होनी चाहिए इस बात को लेकर चर्चा की गई। साथ ही उनसे आग्रह किया की आप लोग भी पेसा के प्रावधानों को धरातल पर आम लोगों तक पहुंचाए। उन्होंने कहा कि पेसा कानून में आप लोगों को जल, जंगल और जमीन के विशेष अधिकार दिए हैं साथ ही शांति एवं सुरक्षा, भूमि प्रबंधन, जल संसाधन एवं लघु जल संभर की योजना और प्रबंधन, खान और खनिज, मादक पदार्थों पर नियंत्रण, श्रम शक्ति, गौण वनोपज, बाजारों तथा मेलों पर नियंत्रण, साहूकारी, संस्कृति का सरंक्षण,सामाजिक क्षेत्रों की संस्थाओं और कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण तथा विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं में हितग्राहियों का चयन करना आदि बिन्दुओं पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया ताकि ग्राम तड़वी पटेलों में पेसा कानून को लेकर किसी जानकारी का कोई अभाव न रहे।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश डावर ने भी पेसा कानून पर मोटे तौर पर तड़वीयों को जानकारी दी गई। जिसमें पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार हमारी संस्कृति रूड़ी प्रथा और हमारी जनजाति समाज की वेशभूषा जैसे छोटे मोटे विवाद सम्बंधित मामलों को ग्राम सभा के माध्यम हमारी पारंपरिक भील पंचायत के द्वारा निपटारा करने को कहा।
इस अवसर पर जनपद पंचायत रामा के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामो के ग्राम तड़वी पटेल आदि मोबलाइजर उपस्थित रहे।