दतिया। जिला अस्पताल की मेटरनिटी विंग में लापरवाही के आरोपों के बाद कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने रविवार रात अचानक अस्पताल का निरीक्षण किया। ये कार्रवाई शनिवार रात उस हंगामे के बाद की गई, जब एक प्रसूता को डिलीवरी के दौरान खून नहीं मिलने से उसके परिजन गुस्सा हो गए और स्टाफ पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए।
कलेक्टर रात करीब 10 बजे जिला अस्पताल पहुंचे और मेटरनिटी विंग का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भर्ती प्रसूताओं और उनके अटेंडरों से सीधी बातचीत की। अधिकतर लोग अस्पताल की सेवाओं और स्टाफ के व्यवहार से असंतुष्ट नजर आए।
मेटरनिटी विंग की प्रभारी डॉ. मधुबाला को हटाया
इस पर तत्काल निर्णय लेते हुए कलेक्टर ने मेटरनिटी विंग की प्रभारी डॉ. मधुबाला गुप्ता को हटा दिया और जिम्मेदारी डॉ. श्वेता यादव को सौंपी।
स्टाफ-डॉक्टरों को मरीजों से व्यवहार सुधारने का प्रशिक्षण दिया जाए
कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने सिविल सर्जन डॉ. के.सी. राठौर को निर्देश दिए कि अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों को सप्ताह व पंद्रह दिन की अवधि में प्रशिक्षण दिया जाए, जिसमें मरीजों से संवाद और व्यवहार सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाए।