नीमच। एक ओर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा की है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कर्ज लेने वाले नीमच जिले के कई ग्रामीणों को बैंकों द्वारा घर नीलामी के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिससे आक्रोश और भय का माहौल बन गया है।
अरनिया बोराना, चल्दू सहित कई गांवों के ग्रामीण मंगलवार को कांग्रेस नेता तरुण बाहेती के नेतृत्व में तहसील कार्यालय पहुंचे और अपनी समस्याएं अधिकारियों के सामने रखीं। ग्रामीणों ने बताया कि बैंक और तहसील कार्यालय की ओर से एकमुश्त राशि जमा करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जबकि वे इतनी बड़ी रकम चुकाने में असमर्थ हैं।
कांग्रेस नेता तरुण बाहेती ने इसे सरकार के कथन और कर्म में अंतर बताया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री एक ओर कर्ज माफी की घोषणा करते हैं और दूसरी ओर गरीबों के घर नीलाम करने की कार्रवाई चल रही है। यह सरकार का दोहरा चरित्र है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की कि बैंक की नीलामी की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए और मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कर्ज माफ किया जाए। उनका कहना है कि फिलहाल न फसल है, न मजदूरी, ऐसे में घर बचाना मुश्किल हो गया है।
ग्रामीण असमंजस में हैं कि वे मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर भरोसा करें या बैंकों के नोटिसों पर, जो उनके आशियाने छीनने की धमकी दे रहे हैं।