मंडला। जिले में सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार बुधवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए। यह हड़ताल मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के आह्वान पर की गई है।
इसके कारण नामांतरण, बंटवारा, आय और जाति प्रमाण पत्र जैसे राजस्व कार्य पूरी तरह से रुक गए हैं। हड़ताल का मुख्य कारण सरकार की वह योजना है, जिसमें राजस्व अधिकारियों के कामों को न्यायिक और गैर-न्यायिक वर्गों में विभाजित किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि यह विभाजन उनके अधिकारों और कार्य प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। संघ ने 5 अगस्त को मंडला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर हड़ताल की जानकारी दी थी। इससे पहले 16 जुलाई को भी ज्ञापन सौंपा गया था।
9 जिलों में कार्य विभाजन लागू
अधिकारियों का कहना है कि धार, भिंड, खरगोन, बालाघाट, मंदसौर, देवास, कटनी, मंडला और रीवा जैसे 9 जिलों में कलेक्टरों ने इस विभाजन को लागू कर दिया है। राजस्व न्यायालयों को मर्ज किया गया है। गैर-न्यायिक राजस्व अधिकारियों को न्यूनतम स्टाफ व संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
हड़ताल के दौरान राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन कार्यों को छोड़कर सभी कार्यों से अलग रहेंगे। वे जिला मुख्यालयों पर उपस्थित रहेंगे। अधिकारियों ने अपने शासकीय वाहन जमा कर दिए हैं। डिजिटल सिग्नेचर डोंगल सीलबंद कर जिला अध्यक्ष को सौंप दिए हैं।
शीघ्र समाधान नहीं तो आंदोलन होगा
इसके साथ ही वे जिला स्तर के आधिकारिक सोशल मीडिया ग्रुप छोड़ रहे हैं। प्रतिदिन शाम 6 बजे जिले की स्थापना शाखा में संयुक्त उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज की जाएगी। संघ ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस योजना को तत्काल रद्द करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र कोई समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन और तेज होगा।