भोपाल। मध्यप्रदेश के बैंकर्स पिछड़े और कम आय वाले प्रत्येक व्यक्ति की तलाश करेंगे और उन्हें 30 सितंबर से पहले बैंकों से जोड़ेंगे। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय समावेशन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की शुरूआत एक जुलाई से हुई है और अब तक 12000 पंचायतों में शिविर लगाए जा चुके हैं।
इस दौरान 2014 के बाद खोले गए बचत और प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) और इनएक्टिव खातों को एक्टिव करने के लिए दोबारा केवाईसी कराई जाएगी। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के निर्णय के बाद ऐसे खातों में केवाईसी कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। बैंकर्स से कहा गया है कि जीरो बैलेंस के साथ पीएमजेडीवाई खाते खोले जाएं और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत बीमा किया जाए।
पंचायत स्तर पर तीन माह के लिए अभियान
स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) के संयोजक धीरज गोयल, मुख्य महाप्रबंधक (एसबीआई) चंद्रशेखर शर्मा, उप महाप्रबंधक (एसएलबीसी) प्रमोद मिश्रा और अन्य बैंकों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। इसमें बताया कि 3 माह (एक जुलाई से 30 सितंबर) के लिए वित्तीय समावेशन (फाइनेंसियल इन्क्लूजिन) अभियान पंचायत स्तर पर चलाया जा रहा है।
वित्तीय समावेशन का मतलब समाज के पिछड़े एवं कम आय वाले लोगों को वित्तीय सेवाएं देना है। इसके जरिये हर व्यक्ति को बैंक से जोड़ने का काम किया जाना है। अभी तक प्रदेश के लगभग 12000 पंचायतों में शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें पीएमजेडीवाई, पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, एपीवाई एवं रि-केवाईसी में कार्यवाही की गई है।