चित्तौड़गढ़। संस्कृत के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने वाले निम्बाहेड़ा जिला चित्तौड़गढ़ के निवासी कैलाश चंद्र मून्दड़ा को संस्कृत के क्षेत्र में राजस्थान के राज्य स्तरीय सर्वाेच्च शिखर सम्मान से सम्मानित होने के बाद से जिला चित्तौड़गढ के समूचे क्षेत्र में हर्ष व्याप्त हैं। वहीं निम्बाहेड़ा में यह उत्साह दोगुना हो चुका हैं। सम्मान के बाद से ही मून्दड़ा का जगह-जगह स्वागत सम्मान किया जा रहा हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय जावदा निम्बाहेड़ा में विश्वविद्यालय परिवार की ओर से विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कैलाशचंद्र मून्दड़ा के सम्मान में गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथि बतौर उपस्थित श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य डॉ. महेश दीक्षित, लालचंद केवलानी अध्यक्ष श्री कल्लाजी वेदपीठ निम्बाहेड़ा, दिलीपसिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री कल्लाजी वेदपीठ निम्बाहेड़ा के द्वारा कैलाश चंद्र मूंदड़ा शाल, श्री राम के प्रतीक चिन्ह रूप में मोमेन्टों एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य महेश दीक्षित ने कहा कि कैलाश चन्द्र मूंन्दड़ा अभूतपूर्व व्यक्तित्व के धनी हैं। संस्कृत के क्षेत्र में वे नये आयाम लिख रहे हैं। राजस्थान के सर्वाेच्च शिखर सम्मान से सम्मानित होना अपने आप में गर्व की बात हैं। उन्होंने पूरे क्षेत्र का मान व सम्मान बढ़ाया हैं। उनके अधीनस्थ कार्य करके हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारीगण सहित श्री कल्लाजी आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय के डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मचारीगण और वि.वि. के विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व आभार विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. स्मिता शर्मा ने किया।
ज्ञात रहे कि बीते 7 अगस्त को उदयपुर के सुखाड़िया रंगमंच सभागार में आयोजित गरिमामयी समारोह में विधानसभाध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी, संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर व जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी आदि के द्वारा निम्बाहेड़ा जिला चित्तौडगढ़ के निवासी श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कैलाश चन्द्र मून्दड़ा को सर्वाेच्च साधना शिखर सम्मान से सम्मानित किया था।