नीमच। जनपद पंचायत नीमच के गांव दूदरसी में श्रीमद्भागवत कथा महापुराण का आयोजन ग्राम वासियों द्वारा किया जा रहा है। आज शनिवार को कथा के 6 वें दिन प्रख्यात कथाकार आचार्य गोपाल नागर के मुखारविंद से कथा का श्रवण बहुत ही सुन्दर तरीके से श्रोताओं को भक्ति रस धारा में डूबोकर पूरा पांडाल भक्ति मय बना दिया।
श्री आचार्य ने श्री कृष्ण लीला का सुंदर चित्रण करते हुए बताया कि वृंदावन में जब भगवान श्री कृष्ण ने मधुर स्वर में बांसुरी बजाई तो सारे बृज की गोपियां सुध-बुध भुलकर कृष्ण के साथ रासलीला करने लग गई। पंडित नागर ने गोपियों के वस्त्र हरण का प्रसंग बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया। जब गोपियां यमुना नदी में निर्वस्त्र नहा रही थी तो श्री कृष्ण ने उनके वस्त्र चुरा लिए जब गोपियों ने वस्त्र मांगे तो कृष्ण ने कहा ले जाओ यहां आकर गोपियों ने कहा हम निर्वस्त्र हैं कैसे आ सकती है तो कृष्ण ने कहा जैसे पानी में उतरी वैसे आकर ले जाओ तो गोपियों ने कहा उस वक्त कोई नहीं देख रहा था कृष्ण ने कहा किसने कहा यहां कोई नहीं था मैं तो सर्वत्र हूं सब जगह विद्यमान हूं तो गोपियों ने क्षमा मांगी तब उनको वस्त्र दिए।
आपने अपनी कथा में मथुरा में कुब्जा जो कंस के लिए अंगराग ले जाती थी उसको भी रूप वान बनाकर उसे आशीर्वाद दिया और कंस जैसे पापी का वध किया । श्री नागर ने भगवान की व्याख्या करते हुए कहा कि भ- याने भूमि ग- से गगन वा- से वायु और न- से नीर इन चार अक्षरों में आपने पांच तत्वों का समावेश बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया। पृथ्वी आकाश वायु और जल अग्नि तो स्वयं नारायण में समायी है। आपने कथा के दौरान बताया कि जो मनुष्य जहां भी भागवत कथा होती है वहां यदि सच्चे मन से कथा श्रवण करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है और उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती है।
कथा के सुअवसर पर मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा, मिट्टी का खिलौना मिट्टी में मिल जाएगा नामक संगीत मय भजन पर महिलाओं ने शानदार नृत्य किया। तत्पश्चात रूक्मिणी मंगल का गुरूजी ने सजीव चित्रण प्रस्तुत किया। दो नन्ही बालिकाओं ने श्री कृष्ण और रुक्मिणी का वेश धारण किया। श्री कृष्ण ने रुक्मिणी के साथ विवाह किया और पांडाल में उपस्थित सज्जनों माता और बहनों ने कन्यादान कर अपना जीवन धन्य कर इस पुण्य का लाभ उठाया। शाम 3 बजे महा आरती कर सभी उपस्थित जनों को लड्डू का प्रसाद वितरित किया गया।
श्री मद्भागवत कथा में सरपंच विमला बाई शंभुलाल मेघवाल व जीवराज पाटीदार ने यजमान की भूमिका निभाई और भागवत भगवान को भोग लगाकर प्रसाद सभी भक्तों में वितरित की। कल रविवार को श्री मद्भागवत कथा का पूर्ण विराम होगा तत्पश्चात आयोजन समिति की ओर से भागवताचार्य गुरुदेव का का सार्वजनिक सम्मान किया जाएगा।