रतलाम। मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना ने कोरोना काल की संकट की घड़ी में रतलाम जिले के सैकड़ों छोटे-मोटे काम धंधा करने वाले व्यवसायियों को मजबूत सहारा दिया है। लॉकडाउन के संकट में काम, धंधे खत्म होने की स्थिति में जब दोबारा व्यवसायियों ने अपने व्यवसाय को जमाने की कोशिश की तो पूंजी की कमी सबसे बड़ी समस्या बन गई। ऐसे आड़े वक्त में मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना जिले के ताल के करवाखेड़ी रोड पर सब्जी का ठेला लगाने वाले मिथुन माली के काम आई। लॉकडाउन से पहले मिथुन का सब्जी का व्यवसाय बहुत अच्छा चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद व्यवसाय बंद हो गया। परिवार के पालन पोषण का संकट खड़ा हो गया था, जैसे-तैसे समय निकाला। कोरोना काल के पश्चात जब मिथुन ने दोबारा अपनी ठेला गाड़ी को निकाला और सब्जी व्यवसाय के लिए बाजार में निकले तो मंडी से सब्जी खरीदने के लिए पास में पूंजी नहीं थी। समाचार पत्रों में मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना की जानकारी प्राप्त हुई तो नगर परिषद में पहुंचे। जहां मिथुन का नाम योजना के हितग्राहियों में सम्मिलित किया गया। पहले 10 हजार रूपए का बगैर ब्याज का ऋण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मिला तो मिथुन को बड़ी खुशी हुई कि सब्जी मंडी में जाकर सब्जियां खरीदने हेतु जेब में रकम आ गई और उसकी दुकान भी पटरी पर आ गई। व्यवसाय में मेहनत के साथ फिर से कदम जमाए, सफलतापूर्वक गुजर बसर करते हुए स्ट्रीट वेंडर योजना का 10 हजार रूपए का ऋण भी समय पर चुका दिया तो दोबारा 20 हजार रूपए कार्य योजना के प्रावधान अनुसार मिथुन को प्राप्त हुए वह भी बगैर ब्याज के तो अब मिथुन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पूरी मेहनत और लगन के साथ सब्जी व्यवसाय को फिर से पटरी पर ले आए। आज मिथुन खुश हैं, परिवार में भी खुशहाली है। स्ट्रीट वेंडर योजना उनके लिए वरदान साबित हुई।