चित्तौड़गढ़। सृष्टि अपनी प्रारंभिक अवस्था में मूक, शांत और नीरस थी। चारों तरफ मौन देखकर भगवान ब्रह्मा जी भी अपने द्वारा की गई सृष्टि सृजन से संतुष्ट नहीं थे। तब उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का और इससे अद्भुत शक्ति के रूप में मां सरस्वती प्रकट हुईं। मां सरस्वती ने वीणा पर मधुर संगीत वसंत नाम का राग छेड़ा जिससे संसार को ध्वनि और वाणी मिली। इसीलिए इसे वसन्त पंचमी कहते हैं, और बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-आराधना करने से माता सरस्वती शीघ्र प्रसन्न होती हैं और ज्ञान का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। भारतीय पञ्चांग के अनुसार इस बार यह तिथि 26 जनवरी 2023 को दोपहर करीब 12 बजकर 33 मिनट से शुरू हो जाएगी। इस पंचमी तिथि का समापन 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार साल 2023 में बसंत का पंचमी का त्योहार 26 जनवरी को मनाया जाएगा ।
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार बसंत पंचमी तिथि पर मां सरस्वती की पूजा के लिए 4 शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है । ये चार शुभ योग है- शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये चार योग बहुत ही शुभ और फलदायी योग होते हैं । इस योग में किए जाने वाले हर एक कार्य सिद्ध होते हैं । बसंत पंचमी पर इन चार शुभ योग में मां सरस्वती की पूजा करने पर अच्छे फलों की प्राप्त होगी । बसंत पंचमी पर पीले रंग का वस्त्र पहनने से सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है ।
वसंत पंचमी पर विशेष उपाय
डॉ तिवारी ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन किसी जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा से जुड़ी चीजें दान करना चाहिए। इस दिन किताबों की पूजा कर उन पर मोरपंख रखना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ती है। बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। साथ ही मां सरस्वती की पूजा पीले और सफेद रंग के फूलों के साथ करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें। इससे माता प्रसन्न होती हैं। मां सरस्वती को बूंदी बेहद पसंद होती है ऐसे में देवी मां को बूंदी का प्रसाद चढ़ाने से ज्ञान प्राप्ति में आने वाली बाधा दूर होती है । सरस्वती पूजा में पेन और कॉपी जरूर शामिल करें, इससे बुध की स्थिति अनुकूल होती है जिससे बुद्धि बढ़ती है । अगर आपका पढ़ाई में मन नहीं लगता तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को हरे रंग के फल चढ़ाएं। इसके अलावा बच्चा जिस कमरे में पढ़ाई करता है, वहां मां सरस्वती की चित्र लगाएं । अगर आपको उच्च शिक्षा लेने में किसी तरह की परेशानी आ रही है तो आपको माता सरस्वती के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए । ये है मंत्र- ’ऊं ऐं ह््रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै नमः.’
पढ़ाई के विशेष उपाय
डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार अगर आपके बच्चे की वाणी स्पष्ठ नहीं है तो बसंत पंचमी के दिन उसकी जीभ पर चांदी की सलाई से ओम की आकृति बनाएं, इससे वाणी दोष से मुक्ति मिलती है ।
अगर आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चे से पीले रंग का फूल और हरे रंग का फल मां सरस्वती को अर्पित करवाएं । बसंत पंचमी के दिन सरस्वती मां की पूजा करते समय केसर और पीले चंदन का उपयोग जरूर करें ।