नीमच। नोबल प्राइज विजेता भारतीय भौतिक वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन के रमन प्रभाव की खोज दिवस दिनांक 28 फरवरी 1930 को प्रति वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उसी कड़ी में सीएम राइज विद्यालय शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नीमच केंट में वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान थीम पर आधारित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मना कर विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का बीजारोपण किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मुख्य नगरपालिका अधिकारी गरिमा पाटीदार मुख्य नपा नीमच द्वारा विद्यार्थियों को प्रेरक उदबोधन देते हुए बताया कि आज विज्ञान के कारण ही वर्तमान जीवन बेहतर और सुविधाजनक हुआ है। पाटीदार ने बताया कि अभी भी विज्ञान के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां लैंगिक समानता नहीं है, जैसे सिविल इंजीनियरिग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिक इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों में बालिकाये कम प्रवेश लेती हैं। अतः शिक्षकों के साथ हम सभी का दायित्व है कि विज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में लैंगिक असमानता दूर कर समावेशी शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाए ताकि विभिन्न अविष्कार एवं शोध बेहतरीन हो सके।
पाटीदार ने विद्यालय के सुव्यवस्थित एवं स्वच्छ वातावरण एवं विद्यालय के बेहतर संचालन हेतु प्राचार्य एवं विद्यालय परिवार के टीम वर्क की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए बधाई दी।
इस अवसर पर सीताराम जाजू कॉलेज के प्राचार्य एन के डबकरा ने विद्यार्थियों को अवगत कराया कि प्राचीन काल से ही भारतीय वैज्ञानिकों का सम्पूर्ण विश्व में महत्वपूर्ण स्थान है। आर्य भट्ट, वरहा मिहिर रामानुजम महान गणितज्ञ, सीवी रमन, जगदीशचन्द्र बसु आदि महान वैज्ञानिक हुए हैं जिनके कारण भारत प्राचीन काल से ही विज्ञान के क्षेत्र में समृद्ध रहा है।
डबकरा ने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि अपनी जिज्ञासाओं को सदैव प्रश्नों के रूप में पूछें, यही विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य भी है। विद्यार्थी स्वयं प्रश्नों का समाधान ढूंढे या अपने गुरुजनों से पूछे।
इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भौतिकी के प्राध्यापक गिरिराज शर्मा ने सर सीवी रमन की खोज, रमन प्रभाव को बहुत ही रोचक तरीके से बच्चों के समक्ष रखा और सीवी रमन की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज जीवन का प्रत्येक क्षेत्र विज्ञान के कारण ही बेहतर एवं सुविधाजनक हुआ है।
इस अवसर पर जिला परियोजना समन्वयक प्रलय उपाध्याय ने कहा कि दैनिक जीवन में विद्यार्थियों को विज्ञान शिक्षण के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण निर्मित करना चाहिए। उपाध्याय ने बताया कि विद्यालयों में जादू नहीं विज्ञान के माध्यम से सामाजिक कुरीतियां एवं अंध विश्वासों से कैसे दूर रहें एवं इनके पीछे जो वैज्ञानिक कारण है उनके बारे में विद्यार्थियों को बताया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ सर्वप्रथम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की तस्वीर पर एवं सर सीवी रमन के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
संस्था प्राचार्य किशोर सिंह जैन ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुये बताया कि सर सीवी रमन को 1930 में भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबल पुरुस्कार उनकी खोज रमन प्रभाव के लिए दिया गया, और 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किया गया। जैन ने बताया कि रमन बचपन से ही प्रतिभाशाली विद्यार्थी रहे एवं 11 वर्ष की उम्र में माध्यमिक शिक्षा एवं 16 वर्ष की उम्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। संस्था के उप प्राचार्य महेश शर्मा ने पधारे हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि संस्था की विज्ञान टीम
इशरत वारसी, रिंकू लोहार, राकेश छिपा, अनिता पाटीदार, राजेन्द्र नागौरा, सिद्दिकी की इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
संगीत शिक्षक शालीन सातपुते के निर्देशन में छात्राओं ने सुंदर सरस्वती वंदना, स्वागत गीत एवं पर्यावरण गीत प्रस्तुत कर वातावरण को संगीतमय बनाया।
कार्यक्रम का सफल एवं प्रेमक संचालन रिंकू लोहार ने किया।