मंदसौर। विगत कई सालो से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 2013 से लगातार अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन द्वारा हर बार आश्वासन दिया जाता है लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया जाता है 2018 में भी 42 दिन की हड़ताल की गई थी उस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा खुद स्वीकार किया गया था कि संविदा एक शोषित प्रथा है जैसे मैं जल्द समाप्त करूंगा इसके लिए मैं वचनबद्ध हूं 5 जून 2018 को सामान प्रशासन विभाग द्वारा एक नीति भी बनाई गई थी रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष जिला स्वास्थ्य समिति एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के कर्मचारियों को 90 प्रतिशत वेतनमान दिया जाए। लेकिन कई विभागों के कर्मचारियों पर यह नीति लागू कर दी गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को इस नीति से आज भी वंचित रखा गया है। अभी हाल ही में 15 दिसंबर 2022 से 3 जनवरी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी। उस दौरान स्वास्थ्य मंत्री एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मध्यस्था के चलते बैठक की गई थी उस दौरान 1 माह के भीतर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन 3 माह से अधिक समय हो चुका है कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया जिससे प्रदेश के 32000 कर्मचारियों में लगातार आक्रोश व्यक्त हो रहा है
यह प्रमुख मांगे-
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा अधिकारी एवं कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए अन्य कर्मचारियों को
1- 5 जून 2018 की नीति अनुसार रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान तत्काल लागू किया जाए एवं सीएचओ कैडर को MLHP कैडर के तहत नियमित किया जाए
2- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउट छूटेगा प्रथमा किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पद पर समायोजन किया जाए एवं निष्कासित कर्मचारियों को शत-प्रतिशत वापस लिया जाए
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से इन स्वास्थ्य सेवाओं का आम जनता पर पड़ेगा असर-
1 कोविड वैक्सीनेशन बच्चो के वैक्सिनेशन पूरी तरह से प्रभावित रहेगा
2- डॉट्स सेवा केन्द्र पूरी तरह से बंद रहेंगे
3- आरबीएसके प्रोग्राम पूरी तरह से बंद रहेंगे
4- शहरी क्षेत्र के शहरी स्वास्थ्य केंद्र बंद रहेंगे
5- ग्रामीण क्षेत्र के सभी उप स्वास्थ्य केंद्र बंद रहेंगे
6- जिले में संचालित सभी पोषण पुनर्वास केंद्र बंद रहेंगे जिसे कुपोषित बच्चों का उपचार नहीं हो सकेगा
7- SNCU स्टाफ के कारण एसएनसीयू कार्य प्रभावित
8- सभी राष्ट्रीय प्रोग्राम जैसे TB, कुष्ठ, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ कार्यक्रम सभी का कार्य बंद पड़ा हे जिनके चलते रिपोर्टिंग का कार्य भी ठप पड़े है।