जावरा। बड़ावदा सेवा एवं रक्तदान सँस्था की शाखा चौरासी बडायला और संत मीरा कान्वेंट स्कूल के सदस्यों द्वारा यह पहला स्वेच्छिक रक्तदान शिविर था या यूं कहा जाए कि शाखा चौरासी बडायला में सँस्था के सदस्यों द्वारा शिविर का शुभारंभ किया गया। सँस्था के सदस्यों द्वारा शिविर को लेकर कई दिनों से तैयारी चल रही थी। घर घर जाकर लोगो को रक्तदान के फायदे बताए गए और रक्तदान क्यो आवश्यक है जानकारी भी दी गई। ग्रामीणों ने भी सँस्था को पूरा सहयोग दिया और कुल 38 यूनिट रक्तदान किया।
मानव सेवा में अग्रणी रहने वाली बड़ावदा सेवा एवं रक्तदान सँस्था की माला में शाखा चौरासी बडायला ने एक और मोती पिरो दिया है। सँस्था के सदस्यों ने जिस प्रकार से रक्तदान किया व करवाया है उसको देखकर ऐसा लगता है कि हर घर मे एक डोनर होगा ताकि किसी की भी रक्त के अभाव में जान न जाये। सँस्था के सदस्यों ने इस शिविर को लेकर बहुत मेहनत की थी और उनकी मेहनत रंग भी लायी। बड़ावदा सेवा एवं रक्तदान सँस्था की शाखाओं द्वारा हर महीने कंही न कंही रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है और रक्तमित्रो कि सहायता से सफल भी होते है।
इस शिविर में सबसे ज्यादा मेहनत दो बालिकाओं ने की प्राची और आराध्या जिनकी उम्र मात्र 6 साल और 4 साल है जिन्होंने शिविर शुरू होने से लेकर समापन तक रक्तदाताओं को कॉफी पिलायी। इन बालिकाओं ने बड़े लोगो को भी शिक्षा दी कि अगर रक्तदान नही कर सकते तो सेवा तो दे सकते है। सँस्था दोनों बालिकाओं के माता पिता की प्रशंसा करती है और बालिकाओं की सेवा को नमन करती है
रक्तदान करने वाले रक्तवीरो को सँस्था द्वारा प्रशंसा पत्र दिए गए। रक्तसंग्रह रतलाम जिला चिकित्सालय की टीम द्वारा किया गया।
जो लोग रक्तदान करने से दूर भागते है और भ्रांतियां फैलाते है ऐसे लोगो को जब परेशानी होती है तो यही लोग सबसे पहले सँस्था से सम्पर्क करते हैं इसलिए सँस्था सभी से निवेदन करती है कि रक्तदान स्वयं भी करे और दूसरों को भी प्रेरित करें।
रक्तदान शिविर में शाखा चोरासी बडायला से अभिषेक धाकड़, नंदकिशोर धाकड़, विद्या धाकड़, ममता धाकड़, कृष्णा धाकड़, भगवान सिंह सोलंकी, संस्था के संस्थापक प्रवीण व्यास, सुभाष पांचाल, बाबू चौधरी, मनीष पंचाल, रुकमा डाबी, खुशी सिसोदिया, अक्षिता व्यास ने अपनी सेवाएं प्रदान की।
स्वेच्छिक रक्तदान शिविर कार्यक्रम को सफल बनाने वा