जावद। सेन समाज के वरिष्ठ एवं प्रकाश चौहान के पुज्य पिताजी व जगदीश सेन, रमेश सेन के काकाजी व अनिल सेन, संजय सेन, पंकज सेन, नीतीन सेन, बंटी सेन, पिन्टू सेन, तुषार सेन के दादाजी उस्ताद नाम से सुप्रसिद्ध शांतीलाल जी चौहान (सेन) का निधन होने पर अंतिम यात्रा तेलियो की घाटी, शीतला माता चौराहा, खोर दरवाजा होते हुए मुक्तिधाम पहुंची जहां परिजनो ने मुखाग्नि दी, साथ ही शांतिलाल जी चौहान पंचतत्व में विलिन हुए। योगी युवा वाहिनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण सोमानी ने निवास जाकर शोक संवेदना प्रकट करके कहां कि उस्ताद शांतीलाल जी चौहान हंसमुख, मिलनसार होकर लोंगो के सुख-दुख में सदेव तत्पर रहने वाले व्यक्ति थे। शांतीलाल जी चौहान महावीर रामलीला मंडल द्वारा नवरात्री महोत्सव का मंचन होता था उसी दौरान अपने मित्रो व युवाओ के साथ विभिन्न किरदार किया था। मुख्यरूप से जोकर, सेठ मुनीम, कालका माताजी, बंदर, पागल, बेहरूपिया, भेरू जोरी, गाडुलिया लौहार, ताशा पार्टी, महादेव आदि का रोजाना अलग अलग प्रदर्शन कर खोर दरवाजा रामलीला मैदान में आयोजित 10 दिवसीय रामलीला देखने वाले दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते थे। जावद के शासकीय व अशासकीय स्कूलो एवं समाज के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी आप बच्चों को अपनी दुकान से प्रतियोगिता के लिए निःशुल्क तैयार कर भेजते थे। नारायण सोमानी ने आगे कहां की आपने मुझे भी बचपन में हर वर्ष विभिन्न प्रकार की वैश भूषा पहनाकर रोल अदा करके तैयार किया था। समाजसेवी सुधीर अग्रवाल, अनिल चेलावत, ओमप्रकाश जोशी, सुनील पाटनी, अंकुर बिकानेरीया आदि नगरवासियो एवं विभिन्न संगठनो ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। उपरोक्त जानकारी पत्रकार रूपेश जोशी ने दी।
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वॉइस ऑफ़ एमपी की मुहीम- बेज़ुबान पक्षियों के लिए दान करें सकोरे या फिर अपने मकान की छत पर रखे सकोरे, भीषण गर्मी में सुने इनकी फ़रियाद।