देवास। मिशन लाइफ पर्यावरण संरक्षण अन्तर्गत प्रशिक्षण का आयोजन ग्राम धारूखेड़ी, कृषि विकास अधिकारी विकासखण्ड देवास, नानाधाराखेडी एवं गंर्धवपुरी विकासखण्ड सोनकच्छ में किया गया।
कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्र देवास के वैज्ञानिक डॉ ए.के. बड़ाया द्वारा प्रशिक्षण में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिये रायसानिक उर्वरक एवं कीट नाशकों के उपयोग से गम्भीर बीमारी मानव एवं पशुओं को हो रही है। हमको रायसानिक उर्वरक एंव कीट नाशको का उपयोग कम करना बताया गया। नरवाई नही जलाना एंव आग नही लगाने के बारे, जल, जमीन, जंगल की सुरक्षा करने के लिये अधिक से अधिक पैड़ पौधो लगाने के बारे कृषको बताया गया।
परियोजना संचालक आत्मा देवास नीलम सिह चौहान ने प्रशिक्षण में प्राकृतिक खेती बढ़ावा देना एवं जैविक खेती करने हेतु बीजामृत का उपयोग, जीवामृत का उपयोग, बायोगैस मटका खाद, मल्चिग राइजोबियम, पी.एस.बी., ऐजेक्टोबेक्टर, ट्राकोडर्मा, जैविक कीटनाश नीम काढा, पंच पर्र्णी अर्क, नाडेप खाद,वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर पर्यावरण को प्रदूषित किये बिना खेती कर सकते है।
डॉ. अंकिता ने संतुलित भोजन एवं जहर मुक्त भोजन खाने के लिये जैविक खेती और प्राकृतिक खेती करने के लिये देशी गाय को पालना जरूरी है जिससे हम जहर मुक्त अनाज, फल, सब्जियां दालों का उत्पादन कर शु़द्ध भोजन खा सकते है। डॉ. लक्ष्मी ने तालाब बनाकर जल संरक्षित कर सकते है जिससे मछली पालन कर आमदानी बढाई जा सकती है।
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