नीमच। पूर्व विधायक और क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता नंदकिशोर पटेल ने कहा कि , भाजपा के सत्तालोलुप षडयंत्र के कारण कांग्रेस की निर्वाचित कमलनाथ सरकार के असमय गिर जाने के कारण मध्यप्रदेश के किसानों की लगभग 38 हजार करोड़ रु की घोषित बकाया कर्ज माफी की रकम उनके खातों में जमा नही हो पाई है । भाजपा की किसान विरोधी सरकार ने ऋण माफी घोषणा को नजरंदाज कर किसानों को ओव्हर ड्यू बता कर तीन साल परेशान भी किया और अब ब्याज माफी की नौटंकी कर रही है ।
यहाँ जारी एक बयान में पटेल ने कहा कि , वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने घोषणा के मुताबिक प्रदेश के किसानों का करीब 50 हजार करोड़ रु कर्ज माफ करते हुए ऋण राशि जमा करवाने का सिलसिला भी शुरू किया था । केवल 15 महीनों की अवधि में किसानों के 12 हजार करोड़ रु कर्ज की रकम जमा भी करवा दी थी । इस बीच भाजपा ने षडयंत्रपूर्वक कांग्रेस की निर्वाचित सरकार को असमय गिराने का राजनैतिक एवं नैतिक पाप किया था ।
ऋण माफी को अनदेखा कर किसानों को ओव्हर - ड्यू बता कर परेशान किया
पटेल ने कहा कि , सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार का दायित्व था कि , बतौर मुख्यमंत्री कमलनाथजी द्वारा घोषित किसानों की ऋण माफी की रकम खातों में जमा करवाएं । लेकिन हमेंशा किसानों के हितों का खोखला ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने , न केवल ऋण माफी योजना को समाप्त कर दिया बल्कि जो कर्ज शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिया गया था उनको ओव्हर - ड्यू बता कर 13 प्रतिशत ब्याज लगाना भी शुरू कर दिया ।
पटेल ने कहा कि , भाजपा सरकार ने सत्ता में वापसी के बाद से ही तीन सालों के दौरान अनुचित रूप से घोषित ओव्हर - ड्यू के आधार पर किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर नवीन ऋण लेने , खाद व बीज सहकारी संस्थाओं से नहीं देने और फसल बीमा के लाभ से भी वंचित रखने का घोर अनीतिपूर्ण कार्य किया है जिससे प्रदेश भर के किसानों को कृषि कार्य में बहुत परेशानी भोगनी पड़ी है और आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान उठाना पड़ा ।
चुनावी नजरिये से अब ब्याज माफी की नौटंकी कर रही है भाजपा सरकार
पटेल ने कहा कि , लगातार तीन सालों से अनीतिपूर्वक ऋण मुक्त घोषित राशि पर ब्याज थोपने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अब प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ब्याज माफी की नौटंकी कर रहें हैं । इससे किसानों को बड़ा लाभ नहीं होने वाला है क्यों कि , ऋण राशि नगद जमा करवाने के बाद ही किसानों को खाद की उपलब्धता होगी । अगर सम्पूर्ण ऋण राशि जमा नहीं करवाई गई तो किसान फिर से ओव्हर - ड्यू की गिरफ्त में होगा ।
ऐसी स्थिति में किसानों को सम्पूर्ण ऋण राशि के साथ अप्रैल 2023 से जमा करवाने के दिनांक तक का ब्याज जमा करवाने पर ही कर्ज मुक्त माना जायेगा । दूसरे शब्दों में कहें तो एक ओर जहाँ कांग्रेस की कमलनाथ सरकार किसानों का कर्ज ससम्मान मुक्त कर उनको सभी जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता का मार्ग प्रशस्त कर रही थी वहीं शिवराजसिंह की भाजपा सरकार किसानों को कर्ज जाल में उलझाए रख कर उनके हितों के साथ निर्मम खिलवाड़ कर रही है ।
कांग्रेस की सरकार बनते ही होगी किसानों की कर्ज माफी
पटेल ने कहा कि , भाजपा की रीति - नीति कथनी और करनी में विभेद और छल करने की ही रही है । लेकिन कांग्रेस की वचनबद्धता हमेंशा सिद्ध होती है यह , तथ्यात्मक सत्य है । प्रदेश इंका अध्यक्ष कमलनाथजी ने किसानों की परेशानियों को देखते हुए वचन दिया है कि वर्ष 2023 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनते ही पूर्व की तरह इस बार भी किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया अविलम्ब प्रारम्भ कर दी जायेगी ।
कांग्रेस की किसान हितैषी कार्य नीति और कथनी एवं करनी की एकरूपता का उल्लेख करते हुए पटेल ने कहा कि , कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों के लिए शेष ऋण राशि की माफी के साथ - साथ नई ऋण सुविधाएं , खाद - बीज प्रदान करने और प्राकृतिक आपदा पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजा तथा फसल बीमा राशि भी शीघ्र प्रदान करने के लिए भी तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएंगे ।