नीमच। उप संचालक कृषि विभाग नीमच दिनेश मण्डरलोई ने बताया कि पिछले दिनों विभिन्नं समाचार पत्रों में जिले से फसल बीमा 2021-22 की प्रीमियम 108 करोड़ जमा, किसानों का दावाः मिले सिर्फ 38.45 करोड़ रूपए शीर्षक तथा शीर्षक ‘’कैसा मुआवजा जिले से फसल बीमा प्रीमियम जमा 108 करोड, मिला सिर्फ 38.45 करोड़ से समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के संबंध में तथ्यात्मक वस्तुस्थिति स्पडष्टम की गई है।
उप संचालक कृषि मण्डलोई ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत अनपेक्षित घटनाओं के कारण फसल हानि क्षति से प्रभावित किसानों की फसल नुकसान के दावों के लिये नुकसान का आंकलन अधिसूचित बीमा इकाई क्षेत्र ;पटवारी हल्का पर अपेक्षित संख्या में संपादित फसल कटाई प्रयोग ;राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा संपादित एवं थ्रेशहोल्ड उपज की गणना हेतु पिछले 07 वर्षो में से सर्वोत्तम 05 वर्षो के पुराने उपज के आंकडों फसल स्थिति की निगरानी सेटेलाईट एवं यूएवी रिमोट सेंसिंग प्रोद्योगिकी के आधार पर फसल बीमा दावों का मूल्यांकन होता है। हानि मूल्यांकन के लिये बीमित इकाई स्तर पर दावों की गणना के लिये मौजूदा उपज आंकलन की मानक पद्धति (गणितीय) अधिसूचित निम्नलिखित सूत्र के आधार पर की जाती हैः
(थ्रेशहोल्ड उपज-वास्तविक उपज) X बीमित राशि-थ्रेशहोल्डी उपज-राजस्व एवं कृषि विभाग के द्वारा अधिसूचित पटवारी हल्का में सम्पादित 4.4 फसल कटाई प्रयोग किसान बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि की उपस्थिति में सम्पादित होता हैं। फसल कटाई प्रयोग में प्राप्त उपज के आधार पर फसल बीमा नुकसानी का आंकलन, अधिसूचित मानक पद्धति के आधार पर होता है। जिसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका नहीं होती हैए इसलिए फसल बीमा आकलन के लिए जनप्रतिनिधियों को लापरवाह एवं जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है तथा फसल बीमा आंकलन में जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के आरोप निराधार एवं सत्य से परे है। खरीफ, 2021 एवं रबी 2021-22 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत किसानों ने फसल बीमा की प्रीमीयम राशि रू. 14.51 करोड़ ही जमा कराई जबकि बीमा दावा राशि लगभग रू. 38.45 करोड मिला है।