सरवानिया महाराज। बारिश की खेंच के कारण यहां किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें तन गई है । केवल किसान ही नहीं वरन समाज का सभी तबका फसलों में पानी की खेंच के कारण हो रही तबाही से चिंतित है। इंद्रदेव बारिश जल्दी करें इसके लिए पहले खेड़ा देव पुजन किया गया तथा बाद में शहर की दो देवियों मा कालका और हिंगलाज माता के यहां हवन कर गुरुवार को प्रातःकाल नगर कोट राजा घास भैरु की पुजा अर्चना कर पहले बेलों से और बाद में नगरवासियों ने खिंच कर नगर भ्रमण कराया। अच्छी वर्षा और खुशहाली के लिए शहर में सभी देवी देवताओं खेड़ा देवों को मनाकर भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए ऐसा किया जाता हैं। हमारा देश कृषि प्रधान देश है जिसकी अर्थव्यवस्था कृषि के ऊपर टिकी हुई है साल दर साल प्राकृतिक आपदाओं का दंश झेलने वाला किसान मौसम की बेरुखी के चलते एक बार फिर हलाकान है। कृषि आधारित पृष्ठभूमि होने के कारण बारिश कि खेंच से होने वाले नुकसान का असर हमारे व्यापार व्यवसाय और आम लोगों के जीवन पर दिखेगा।
मदिरा का भोग और नारियल अगरबत्ती-
घास भैरु को शहर भ्रमण के दौरान जगह जगह मदिरा का भोग लगाया जाता हैं। भक्त भ्रमणशील बनकर घर आये घास भैरु को सिंदूर, मालीपन्ना, नारियल प्रसाद और अगरबत्ती फूल माला चढ़ाकर मदिरा पान कराते हैं। ऐसी मान्यता है कि भैरुजी मदिरापान कराने से प्रसन्न होते है और शिघ्र भक्तों की इच्छा पूरी करते है।
घास भैरु ने जाना प्रजा का हाल-
नगर कोट राजा के नाम से प्रसिद्ध नगर के घास भैरु माली मोहल्ले के निवासी होकर आज जब नगर भ्रमण पर निकले तो प्रजाजनों ने भगवान का स्वागत कर आरती उतारी। इसके साथ ही प्रजाजनों की चिंता को समझा। इस दौरान माली मोहल्ला, चारभुजानाथ गली, होली थड़ा, सुतारो की गली, जावी चोराहा, नीमच-सिंगोली मुख्य मार्ग, बस स्टैंड, हरिया भैरु चौक, शिव मंदिर, गढ़ पिछे होकर पुनः अपने स्थान पर पहुंचे।
फसलों में पानी की खेंच उत्पादन प्रभावित-
बारिश की लंबी खिंच के कारण फसलों में कम फुल आए तथा जो फलियां बनी उनमें डेन काम आए जिसके कारण फसल का उत्पादन प्रभावित हो गया। साल दर साल प्रकृति की मार झेलने वाला किसान इस बार फिर प्रकृति की बेरुखी के चलते परेशान हो गया है। अति शीघ्र यदि बरसात नहीं होती है तो फैसले चौपट हो जाएगी। अभी भी जिस स्थिति में फसले हैं उसके अनुमान से किसानों को 30 से 40 प्रतिशत उत्पादन का नुकसान हो गया है जिसकी भरपाई अब संभव नहीं है। अब तो केवल जो शेष फसले हैं उनको यदि समय पर पानी मिल जाता है तो थोड़ा बहुत किसानों के लिए राहत हो जाएगी।
साथ चली माताए-
नगरकोट राजा घास भेरू के भ्रमण के दौरान माता हिंगलाज पंडा चंपालाल गायरी वह माता कुंड वाली अपने पंडा के डील में प्रवेश कर भ्रमण के दौरान शहर में घूमी लोगों ने आशीर्वाद लेकर खुशहाली की कामना की।