देवास। विधानसभा निर्वाचन-2023 के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में संदेहास्पद पेड न्यूज के चिन्हांकन तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विज्ञापन के पूर्व प्रमाणीकरण के संबंध में एमसीएमसी कक्ष में संलग्न अधिकारियों/कर्मचारियों का प्रशिक्षण एमसीएमसी कक्ष में दिया गया। प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनर डॉ. समीरा नईम और डॉ. एसपीएस राणा द्वारा दिया गया।
प्रशिक्षण में ट्रेनिंग नोडल अधिकारी डॉ. समीरा नईम ने कहा की हम सभी भारत निर्वाचन आयोग के लिए कार्य कर रहे है। हम सभी को पारदर्शिता और निष्पक्ष रूप से कार्य करना है। पेड न्यूज के संबंध में एमसीएमसी समिति 96 घण्टे के भीतर नोटिस देंगे की क्यों नहीं यह व्यय आपके निर्वाचन व्यय में शामिल किया जाये। अभ्यर्थी को 48 घण्टे के अंदर एमसीएमसी समिति को जवाब देना होगा। 48 घण्टे के अंदर जवाब नहीं देने पर एमसीएमसी समिति का निर्णय अंतिम निर्णय होगा।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर डॉ. राणा ने पेड न्यूज के चिन्हांकन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खबर की आड़ में विज्ञापन अर्थात पेड न्यूज गंभीर निर्वाचन कदाचार है। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन संपन्न कराने की दृष्टि से इस पर नियंत्रण आवश्यक मानते हुए भारत निर्वाचन आयोग समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रशिक्षण में डॉ. एसपीएस राणा ने बताया कि पेड न्यूज संदेहास्पद प्रकरण पाए जाने पर एमसीएमसी द्वारा निर्णय लिया जाएगा तथा संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को सूचित किया जाएगा। रिटर्निंग अधिकारी अभ्यर्थी को नोटिस जारी करेंगे। एमसीएमसी में सलंग्न अधिकारी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में संदेहास्पद पेड न्यूज की निगरानी करेंगे। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अधिकारियों को राजनैतिक विज्ञापनों की मॉनिटरिंग करनी है तथा यह देखना है कि विज्ञापन का प्रसारण एमसीएमसी के पूर्व प्रमाणीकरण के उपरांत ही हुआ है या नहीं।
प्रशिक्षण में डॉ. एसपीएस राणा ने बताया कि एमसीएमसी समिति द्वारा विभिन्न न्यूज चैनलों एवं समाचार पत्रों में पेड न्यूज की मॉनिटरिंग की जाएगी। पेड न्यूज में विज्ञापन को समाचार के रूप में प्रकाशित कर रहे है। ऐसे समाचार को विज्ञापन माना जायेगा और पेड न्यूज की श्रेणी में माना जायेगा। पेड न्यूज का मामला होने पर खर्च अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जाएगा। एमसीएमसी कक्ष से न्यूज चैनलों की 24X7 घंटे मॉनिटरिंग की जायेगी। न्यूज चैनलों पर निर्वाचन संबंधी समाचारों, आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन से संबंधित समाचारों व पेड न्यूज पर सघन निगरानी की जायेगी। एम.सी.एम.सी कक्ष में समाचार पत्र में भी पेड न्यूज की भी मॉनिटरिंग करना है तथा समाचार-पत्रों की कतरनों का संकलन भी किया जाना है।
प्रशिक्षण में बताया कि एम.सी.एम.सी. समाचार पत्र, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल नेटवर्क जैसे प्रचार माध्यमों का स्क्रेनिंग करेगी। पेड न्यूज़ के संदिग्ध प्रकरणों की जाँच कर रिटर्निंग अधिकारी को संबंधित अभ्यर्थी को नोटिस देने के लिये सूचित करेगी। ताकि प्रकाशित सामग्री पर हुए व्यय को निर्वाचन व्यय में शामिल कराया जा सके। निर्वाचन व्यय प्रेक्षक द्वारा प्रेषित पेड न्यूज की जानकारी के आधार पर जांच कर या छानबीन कर रिपोर्ट देंगे। प्रकाशित सामग्री के लिए जनसम्पर्क/डीएव्हीपी की अनुमोदित विज्ञापन दर अनुसार राशि निर्धारित की जायेगी।
प्रशिक्षण में बताया गया कि विज्ञापनों के सर्टिफिकेशन कार्य के लिए एम.सी.एम.सी. के सदस्य विज्ञापनों पर विचार कर सर्टिफिकेशन के निर्णय करेंगे। शिकायतों की जाँच/पेड न्यूज़ आदि की स्क्रूटिनी के लिए सभी सदस्य निगरानी व्यवस्था के तहत कार्य करेंगे। एम.सी.एम.सी. इन कार्यो के अलावा जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत मीडिया संबंधी रेग्युलेशन को लागू करने में भी सहायता करेगी।
प्रशिक्षण में बताया गया कि प्रिन्ट मीडिया में एम.सी.एम.सी यह देखेगी कि प्रकाशित विज्ञापन संबंधित अभ्यर्थी के सहमति या जानकारी से प्रकाशित हुआ हो। ऐसे विज्ञापन अभ्यर्थी की निर्वाचन व्यय में शामिल किये जायेंगे। यदि कोई विज्ञापन संबंधित अभ्यर्थी द्वारा अधिकृत तौर पर प्रकाशित नहीं किया/कराया हो तो ऐसी स्थिति में संबंधित प्रकाशक के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। एम.सी.एम.सी यह भी जांच करेगी की किसी पैम्फलेट, पोस्टर, हैंडबिल और अन्य दस्तावेजों में प्रकाशक और मुद्रक का नाम एवं पता प्रिंट है या नहीं। यदि नहीं तो एम.सी.एम.सी ऐसे दस्तावेजों की जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को देगी। समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार भी इन दस्तावेजो की श्रेणी में आयेंगे।
प्रशिक्षण में बताया गया कि एम.सी.एम.सी प्रतिदिन अभ्यर्थीवार रिपोर्ट, लेखा टीम रिटर्निंग अधिकारी तथा निर्वाचन व्यय प्रेक्षक को देगी। एम.सी.एम.सी को मीडिया मॉनिटरिंग के लिये समुचित उपकरण एवं व्यक्तियों की व्यवस्था करनी होगी। शिकायतों की जाँच/पेड न्यूज़ आदि की स्क्रूटिनी के लिए सभी सदस्य निगरानी व्यवस्था के तहत कार्य करेंगे।