मनासा। ग्राम भारती मनासा द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, बरलाई का एक दिवसीय वन विहार (शैक्षणिक भ्रमण) कार्यक्रम दिनांक 23 जुलाई 2025 को डोंगला में संपन्न हुआ। इस यात्रा में विद्यालय के भैया-बहिनों एवं आचार्य परिवार ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
उज्जैन में महाकाल और सांदीपनि आश्रम का दर्शन-
यात्रा का शुभारंभ उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से हुआ। इसके पश्चात भैया-बहिनों ने भगवान श्रीकृष्ण, बलराम एवं सुदामा की शिक्षा स्थली गुरुकुल सांदीपनि आश्रम, तथा मां क्षिप्रा नदी का भी अवलोकन किया। कक्षा पंचमी की हिंदी पाठ्यपुस्तक में वर्णित ‘उज्जैनीय’ पाठ का वास्तविक अनुभव कर छात्र-छात्राओं ने शिक्षण को जीवन से जोड़ा।
सम्राट विक्रमादित्य भवन एवं विद्या भारती कार्यालय का अवलोकन-
भ्रमण के दौरान विद्या भारती मालवा प्रांत कार्यालय के दर्शन भी किए गए, जहां राजेन्द्र सिंह बैंस ने विद्यार्थियों को कार्यालय की कार्यप्रणाली और उद्देश्य से अवगत कराया।
डोंगला में खगोलीय और वैज्ञानिक ज्ञान का अद्भुत अनुभव-
इसके बाद यात्रा डोंगला ग्राम पहुँची, जहां भैया-बहिनों ने सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में झूले का आनंद लिया। समीप स्थित कर्क रेखा व शून्य रेखा केंद्र बिंदु का भौतिक अवलोकन किया गया, जिसकी विशेष खगोलीय महत्ता 21 जून को दृष्टिगोचर होती है।
वहीं उपस्थित सम्राट यंत्र ने बच्चों को सिखाया कि सूर्य की छाया के माध्यम से कैसे समय ज्ञात किया जा सकता है कृ छह माह पूर्व दिशा और छह माह पश्चिम दिशा में। टेलीस्कोप के माध्यम से ग्रह-नक्षत्र, सूर्य उदय-अस्त व पंचांग संबंधी जानकारी भी विद्यार्थियों को दी गई।
तारामंडल में ग्रह, नक्षत्र और ब्रह्मांड की जानकारी-
भ्रमण का विशेष आकर्षण तारामंडल रहा, जहां प्रोजेक्टर के माध्यम से राशियां, ग्रह, सूर्य व चंद्र ग्रहण की वैज्ञानिक जानकारी साझा की गई। छात्रों को ध्रुव तारा को पहचानने के विशेष यंत्र के बारे में भी बताया गया, जिससे उन्होंने खगोलीय विज्ञान को सहज रूप से समझा।
इस संपूर्ण यात्रा में आचार्य परिवार की सुनीता पाटीदार, हिना बैरागी व रानु गुर्जर का विशेष मार्गदर्शन रहा। विद्यार्थियों ने इस शैक्षणिक भ्रमण से न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया बल्कि खगोल विज्ञान की भी गहरी समझ विकसित की। कार्यक्रम की जानकारी संस्था प्रधान हीरालाल रावत द्वारा दी गई।