मोरवन। आजादी के 78 साल बाद भी जिले के कई गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर बसेड़ी भाटी ग्राम पंचायत में सामने आया है, जहां श्मशान घाट तक जाने के लिए ग्रामीणों को नदी-नालों और कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है।
शुक्रवार को ग्राम के रैगर समाज की एक वृद्धा का निधनहो गया। शव यात्रा के दौरान श्मशान घाट जाने वाले रास्ते में पानी भरा होने के कारण परिजनों को शव को नदी में से पार कर ले जाना पड़ा। ग्रामीणों ने इस दुर्दशा का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कियाऔर शासन-प्रशासन के प्रति नाराज़गी जताई।
ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है, जिसकी जानकारी उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को दी, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। चुनाव के समय केवल आश्वासन मिलते हैं, कार्रवाई नहीं। बारिश के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं, जिससे अंतिम संस्कार जैसी आवश्यक प्रक्रिया भी जोखिम भरी हो जाती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र श्मशान घाट तक पक्का मार्ग बनाए जाने की मांग की है।