शाजापुर। जिले में भी कई सरकारी स्कूल जर्जर हालत में चल रहे हैं बात की जाए शाजापुर जिले के शुजालपुर विधानसभा की तो इस विधानसभा से प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार विधायक हैं और प्रदेश में उच्च शिक्षा मंत्री है बात की जाए स्कूल की वर्तमान शिक्षा नीति को शर्मशार करने वाली तस्वीरें सामने आई है जहा नों निहाल की ज़िन्दगी पर शिक्षा का मंदिर किसी दिन बड़े हादसे को न्योता दे रहा है बात करें सलसलाई के प्राथमिक ओर माध्यमिक स्कूल की तो स्कूल पूरी तरह से जर्जर हो गया है जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
हैरानी की बात है कि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के गृह क्षेत्र का मामला है लेकिन नन्हे मुन्ने बच्चों को बारिश के दिनों में पढ़ने के लिए छत भी नहीं मिल पा रही है फिलहाल स्कूल की जर्जर हालत देखकर बच्चों को कन्या प्राइमरी विद्यालय में शिफ्ट किया गया है कन्या प्राइमरी विद्यालय की बिल्डिंग भी जर्जर अवस्था में हो रही है और एक ही कमरे मे कक्षा 1 से 5 तक कन्या और प्राइमरी स्कूल कि कक्षा लग रही हैं।
मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा नीति पर हर वर्ष करोड़ों रुपए व्यय करती है जिससे आने वाली नई पीढ़ी शिक्षा को प्राप्त कर नए भारत के विकास करने में अग्रसर होगी लेकिन वास्तविक धरातल में यह दावे हैं इन स्कूलो में खोखले नजर आ रहे हैं।
बरसात के मौसम में स्कूल के छत से पानी गिर रहा है बारिश होने पर क्लास में कई जगह पानी टपकता है जिस स्थान पर पानी का जमाव होता है वहां प्लास्टर कमजोर हो जाने के कारण छत का प्लास्टर टूटकर गिरने लगा है पानी टपकने की वजह से कमरों में बरसाती लगाकर पढ़ाई करवाई जा रही है प्राचार्य ने कहा कि बिल्डिंग की जर्जर हालत को लेकर पोर्टल पर जानकारी डाल दी गई थी लेकिन अभी तक बिल्डिंग की मरम्मत नहीं हुई है और ना कोई सुधार हुआ है अभी फिलहाल बालक प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को कन्या प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है वही नगर के माध्यमिक विद्यालय के हालत भी ऐसे ही हैं जहां जहां बच्चों कि क्लास लग रही है उस बिल्डिंग में भी पानी टपक रहा हे और कभी भी बच्चों के ऊपर प्लास्टर गिर सकता है जिससे हदसा हो सकता है अभी राजस्थान के झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे के बाद भी मध्य प्रदेश का शिक्षा विभाग इस और ध्यान नहीं दे रहा है।