भोपाल। न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदार 6 अगस्त से काम नहीं कर रहे हैं। इससे अकेले भोपाल में ही 3 हजार केस पेंडिंग हो गए हैं। कर्मचारी कोर्ट पेशियां आगे बढ़ा रहे हैं। गुरुवार को भी काम प्रभावित रहा, लेकिन राजस्व अधिकारी स्वतंत्रता दिवस पर विरोध नहीं जताएंगे।
मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के बैनर तले यह प्रदर्शन हो रहा है।
प्रांताध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया-हर भारतीय के लिए राष्ट्र और राष्ट्र के प्रति निष्ठा सर्वाेपरी है। इसलिए 15 अगस्त को सभी संवर्गीय साथी स्वतंत्रता दिवस के आयोजन से संबंधित सौंपे गए सभी कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठा और पूरे जोश के साथ करेंगे, लेकिन बाकी कामों से दूरी बनाए रखेंगे। इस दिन कोई भी साथ विरोध प्रदर्शन नहीं करेगा।
जनता से जुड़े 500 मामले आते हैं हर रोज
जानकारी के अनुसार, नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस सहित करीब 500 से अधिक मामले रोजाना आते हैं। इसके अलावा हर दिन करीब 300 प्रकरणों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं। इस वजह से दो दिन में ही 600 से ज्यादा केस की पेशियां आगे बढ़ा दी गई है। अब तक पेंडिंग केस का आंकड़ा 3 हजार तक पहुंच गया है।
फिल्ड और ऑफिस के काम में विभाजित किए गए
भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलें हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे हैं।
मंत्री-अफसरों को सुना चुके समस्या
इस संबंध में मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ राजस्व मंत्री वर्मा और सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात रख चुका है। इस दौरान बताया गया था कि अगले 3 महीने के लिए 12 जिलों में ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की जाएगी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई।
इसके चलते संघ के सभी जिला अध्यक्ष, प्रभारी और प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें 6 अगस्त से विरोध करने का फिर से निर्णय लिया गया। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद कुंभकार ने बताया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई जिलों में राजस्व अधिकारी विरोध कर रहे हैं। भोपाल में भी असर देखने को मिल रहा है।