BIG REPORT : मरघट में आया मसानिया वेराग और संवर गया राणावत समाज का अंतिम पड़ाव, अब मां सत्याजी की तस्वीर बदली-बदली सी, पढ़े दिनेश वीरवाल की खबर
सरवानिया महाराज। जूनून और जज्बा जब दिलों दिमाग में सवार हो जाता है तो परिणाम निश्चित ही सुखद आते हैं। मरघट ऐसी जगह है जहां मौत मरण के समय बातें तो बहुत चलती है। हर किसी के सर पर मसानिया वैराग्य छा जाता है, लेकिन जब मैदान में उतरकर अपना काम छोड़कर परमार्थ का काम करने का समय आता है तब पीछे बहुत कम लोग नजर आते हैं। ये एक कहावत है मगर यहां ठीक इसके उलट काम है। यहां लोग राय और समय पैसा सब देते हैं।
हम बात कर रहे हैं आमलीभाट रोड़ स्थित शहर के प्राचीन मां सत्या जी राणावत मोक्ष धाम की जहां सालभर पहले की तस्वीर बहुत भद्दी थी, लेकिन अब समाज के युवाओं के जूनून और जज्बें ने उस भद्दी तस्वीर को एक साफ सुथरी फ्रेम में बदल दिया है। जहां कभी किचड़ और कंटीली झाड़ीया और पानी भरा रहने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता था अब वो अनुभव गुजरे समय की बात हो गया है।
समाज के वरिष्ठों के सानिध्य मे युवाओं ने राणावत मोक्ष धाम मां सत्या मे पौधा रोपण , साफ सफाई, लकड़ी व्यवस्था, कमरा, बेठने के लिए कुर्सियां तथा पौधों को पानी पिलाने का काम बखूबी किया है। रोजाना देखरेख के साथ साथ सप्ताह मे साफ सफाई और मेनटेनेंस भी कर रहे है युवक। युवाओं की मेहनत से समाज का अंतिम पड़ाव संवरने लगा है।
राणावत मुक्ति धाम मां सत्या जी में रविवार सुबह प्रातः 08.30 बजे से राणावत परिवार के युवा वर्ग ने श्रम दान किया और साफ सफाई अभियान चलाया जिसमें लक्ष्मण सिंह राणावत, योगेंद्र सिंह, अजयप्रताप सिंह, मयंक प्रताप सिंह,तेजपाल सिंह, ब्रजपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, अनुराज सिंह, दीपेश सिंह, विजयपाल सिंह, अर्जुन सिंह, पर्वत सिंह, शिशुराज सिंह, निक्की सिंह, विनय प्रताप सिंह राणावत व मनीष भोई उपस्थित रहे।