मनासा। गत माह 30 अक्टूबर से गांव बर्डिया जागीर से काशी विश्वनाथ तक पैदल यात्रा के लिए निकले थे राजु पुरी गोस्वामी अपने गांव वापस दिनांक 3 दिसम्बर को आए। पिपल्यारावजी कुंड पर रात्री विश्राम किया। पिपल्या रावजी में दिग्विजय सिंह ने गढ में राजुपुरी का शाल श्रीफल कुमकुम तिलक लगा कर साफा बांध कर स्वागत किया।
राजुपुरी गोस्वामी ने बताया कि इतिहास बताता है कि मेरे पुर्वज प्रेम पुरी महाराज ने पिपल्यारावजी कुंड में डुबकी लगाई थी और काशी विश्वनाथ निकले थे। वापस इसी कुंड पर आकर जीवित समाधी ली थी। इसी लिए घर जाने से पहले रात्री विश्राम यहीं किया और पैदल यात्रा का संकल्प लेकर निकला था।
गोस्वामी ने बताया कि वे 30 अक्टूबर से गांव से काशी विश्वनाथ के लिए पैदल निकला थे। मैं प्रति दिन 50-55 किलोमीटर पैदल चलकर 28 दिन में काशी विश्वनाथ दर्शन किया। जो एक माह तीन दिन में वापस यात्रा कर गांव आया।
अपने गांव बर्डिया जागीर पहुँचने पर राजुपुरी गोस्वामी का ग्रामवासीयों और परिजनों ने भव्य स्वागत किया।