नीमच। अपनी दबंग छवि के कारण नीमच में एक जांबांज नेता के तौर पर उभरे दिलीपसिंह परिहार को पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने नीमच विधानसभा का टिकिट दिया था। पार्टी ने जो मदद की होगी वो तो है ही, पर नीमच के लोगों ने भी खुले हाथों से अपना आर्थिक सहयोग देकर हर तरह से इनके चुनाव में मदद कर इन्हें अपना भरपूर आशीर्वाद देकर 2003 में विधायक चुना था। सन 2008 में स्व. खुमान सिंह शिवाजी को टिकिट मिला, परन्तु 2013 और 2018 में फिर से दिलीप सिंह परिहार को टिकिट मिला और ये तीसरी बार नीमच के विधायक बने।
अगर तीन बार के विधायकी कार्यकाल में हुए बडे कार्यों को देखें तो ठीकरिया बांध, ट्रामा सेन्टर, नई कृषि उपज मण्डी, मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति, बंगला बगीचा का समाधान, ग्रामीण क्षेत्र के लिये चम्बल के पानी की योजना इनके कार्यकाल में बने या स्वीकृत हुए। बाकी छोटे मोटे काम या विधायक निधि से हुए काम रूटीन के हैं, वह कोई उल्लेखनीय नहीं कहे जा सकते हैं।
अगर इन कार्यों का विश्लेषण करें तो ठीकरिया बांध शिवाजी की इच्छा पूरी करने के लिये मुख्यमंत्री की देन कही जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसके उद्घाटन में यह बात कही थी और उसका नाम शिवाजी के नाम पर रखा था। ट्रामा सेन्टर की बात करें तो ट्रामा सेन्टर का भवन तो बन गया, परन्तु वह ट्रामा सेन्टर का स्वरूप इतने वर्षों में भी नहीं ले सका, वह आज भी केवल रेफरल हॉस्पिटल बना हुआ है। जिला चिकित्सालय का भी कायाकल्प नहीं हुआ। वह भी पुरानी बिल्डिंग में घिसटता हुआ चल रहा है।
नई कृषि मण्डी बनी मगर आज तक मण्डी वहां चालू नहीं हुई। शहर पुरानी मण्डी के यातायात के दबाव को अभी तक झेल रहा है। नीमच में औषधि मण्डी की अपार संभावना है। शायद मास्टर प्लान में भी है वो भी आज तक नहीं बनी। मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में हुई। बंगला बगीचा की समस्या के समाधान में आप भी मौजूद रहे। मगर यह समाधान भी समाधान न होकर गले की फांस बना हुआ है।
बंगला नं. 60 को इनडोर आउटडोर स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव नगरपालिका परिषद, जिला योजना समिति में पास हुआ। आप भी उसमें शामिल थे। आप ही की पार्टी की नगरपालिका परिषद ने आपके निर्णय को धता बताते हुए वहां भाजपा कार्यालय के लिए 20,000 वर्गफीट जमीन देने का प्रस्ताव पास कर दिया और इनडोर आउटडोर स्टेडियम बगीचा नं. 12 में बनाने की बात कही जो पहले से आवासीय कॉलोनी के लिये स्वीकृत है।
चम्बल का पानी नीमच को मिलेगा इसकी घोषणा कई बार कई मंचों पर सार्वजनिक रूप से कर चुके हैं परन्तु जिस योजना की घोषणा हुई वह केवल ग्रामीण अंचल के लिये है जबकि जापान की जायका योजना जिस पर यह योजना है उसमें नीमच शहर भी शामिल है पर घोषित योजना में नीमच शहर नहीं है।
भाटखेडा से जावद फन्टे तक का रोड कई वर्षों से खराब है यह भी नहीं बन पाया। नीमच विकास प्राधिकरण के लिये आपका प्रयास कहीं नजर नहीं आया। हवाई पट्टी को हवाई अड्डा बनाने का सपना हवा में उड रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास की राह अभी तक योजना के पात्र देख रहे हैं। सीएम राईज स्कूल का भवन कहां बनेगा यह अभी तक तय नहीं हुआ। नीमच के उपनगर बघाना, नीमच सिटी, ग्वालटोली आज भी वैसे ही हैं जैसे आपके पहली बार विधायक बनने के समय थे।
आप इतनी घोषणाएं करते हैं तो निश्चित ही आपके मन में नीमच के लिये कुछ करने की हुक तो उठती ही होगी। आए दिन आपके मुख्यमंत्री के साथ नीमच के विकास की चर्चा करने के फोटो भी अखबारों में देखने को मिलते हैं, परन्तु विकास नीमच की धरती पर कहीं देखने को नहीं मिलता।
विधायक जी आपके भाषणों में अक्सर यह पंक्तियां सुनने को मिलती है ’’कोई चलता पदचिन्हों पर कोई पदचिन्ह बनाता है, है सूरमा वही जग में जो अपनी राह बनाता है।’’ विधायक जी आप कब सूरमा बनेंगे, कब अपनी राह बनाएंगे, अब तो आपकी तीसरी बार की विधायकी के मात्र ग्यारह माह बचे हैं जिसमें से एक माह तो आचार संहिता में चला जाएगा। आप अब भी खामोश हैं आप ऐसे तो न थे। - किशोर जेवरिया