नीमच। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सुशांत हुद्दार के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीमच द्वारा दिनांक 10 दिसम्बर 2022 को शिक्षक सहकार भवन नीमच में, मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अरविन्द दरिया द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा अपने उद्बोधन में मोटर व्हीकल अधिनियम से जुड़े हुये महत्वपूर्ण विधिक प्रावधानों के बारे में सरल शब्दों में जानकारी दी साथ ही ऑनलाइन गेमिंग से होने वाले दुष्परिणामों से उपस्थित विघार्थीगण को अवगत कराते हुए कहा कि हमें सोशल मीडियां का उपयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए जिससे उनसे होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
उक्त जागरूकता कार्यक्रम में प्राधिकरण के सचिव विजय कुमार सोनकर ने दिनांक 10 दिसंबर को विश्वभर में मनाये जा रहे मानव अधिकार दिवस के बारे में जानकारी दी एवं यह बताया कि यह सर्वप्रथम 10 दिसंबर 1948 को मनाया गया था जब संयुक्त राष्ट्र ने युनाईटेड डिक्लेरेशन ऑफ हुमन राईटस को आज ही के दिन अंगिकृत किया इसलिए यह दिवस मनाया जाता है। इसी के साथ किस तरह से हम मानव अधिकार के हनन होने पर मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवा सकते है कि प्रक्रिया के बारे में विस्तृत रूप से उपस्थित जन को जानकारी दी। साथ ही मध्यस्थता प्रक्रिया से होने वाले लाभ के बारे में भी अवगत कराया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिलेश कुमार मिश्र प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय नीमच द्वारा उपस्थितजन को मध्यस्थता प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाकर यह अवगत कराया कि अपने प्रकरणों को मध्यस्थता के माध्यम से निराकृत करने से दोनों ही पक्षों का लाभ होता है एवं किसी भी पक्ष की हानी नहीं होती है साथ ही समय एवं पैसों की भी बचत होती है। क्योंकि प्रकरण मध्यस्थता के माध्यम से निराकृत होकर आपसी समझौते एवं सुलह से दोनों पक्षकारों को लाभ होता है।
कार्यक्रम का संचालन हर्षित बिसेन जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा एवं आभार पैरालीगल वालेटियर श्वेता औझा द्वारा व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर शिक्षक सहकार भवन नीमच के ट्रस्टी हस्तीमल जैन, दिनेश जैन, प्रशासक वन स्टॉप सेन्टर नीमच दुर्गा शर्मा एवं पैरालीगल वालेटियर रामेश्वर नागदा एवं मनोज जोशी उपस्थित रहे।
मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम/शिविर में उपस्थितजन को मध्यस्थता के बारे में जानकारी दी जाकर फिडबैक फार्म भरवाये गये एवं न्यायालयीन प्रकरण को मध्यस्थता के माध्यम से निराकरण करने के लिए सचिव द्वारा उपस्थितजन को मार्गदर्शीत किया गया।