मनासा। शुक्रवार को दोपहर बाद 3 बजे शुरू हुई बारिश से कृषि उपज मंडी में किसानों की चने, गेंहू, लहसुन, मैथी आदि की उपज भीगने से किसानों में आक्रोश देखा गया। दो दिन से लगातार दोपहर बाद हो रही बारिश से जहाँ किसानों को मंडी में अपनी उपज खुली जगह में रखने से नुकसान हो रहा है तो वहीं मंडी में बने कृषि उपज निलामी के शेडो मे व्यापरियों का माल भरा पडा है। हर बार बारिश में किसानों की उपज बारिश आने पर गिली हो जाती है और शिकायत करने पर मंडी प्रशासन द्रारा खाना पूर्ति कर ली जाती है। ऐसे मे किसानों को नुकसान होता है।
इस बार भी ऐसा ही हुआ। मंडी में गेहूँ, चना, मैथी, की भारी आवक होने से सैकडो किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुच रहे है और दो दिन से बारिश भी होने से किसानों की शेडो के बाहर पडी उपज गिली हो गयी है। जिसे अब मंडी व्यापारी नही खरीद रहे है।
वहीं लहसुन मंडी में किसानों व व्यापारियों के बीच विवाद होने पर डेढ घंटे तक निलामी बंद रही। वहीं जिन किसानो की उपज की निलामी हो चुकी थी स्वयं
किसान बोरियो मे अपने हाथो से भरते दिखाई दिए। वहीं बारिश में गिली हुई उपज किसानों को वापस मंडी से ले जाना पडी। जिससे किसान भारी आक्रोश में दिखे।
वहीं मंडी सचिव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे उज्जैन मीटिंग में गये थे। बारिश होने पर कृषि मंडी में किसानों की उपज भीगी है। मंडी प्रशासन को सूचना दी है कि बारिश होने पर सुबह से ही किसानों का माल टीन शेड में खाली करवाये। जिन व्यापरियों का माल यदि शेड में पडा है तो मंडी एक्ट के तहत कार्यवाई की जावेगी।