भवानीमंडी। आपको बता दे कि शहर की नगरपालिका के कुछ भ्र्ष्ट अधिकारियो का पर्दाफाश हुआ है। 6 पर भ्र्ष्टाचार का मामला दर्ज हुआ। इन सौदागरो ने 2 लाभर्थियों के साथ ताल-मेल बिठाकर नियम के विरुद्ध पट्टे जारी कर दिए थे। इस मामले मे एसीबी को 8 साल पहले एक परिवाद मिला था। जो पूरी तरह सही निकला इस पर मुख्यालय ने इस भृष्ट अधिकारियो पर कार्रवाई कर मामला दर्ज किया।
एसीबी एसपी भवानी शंकर मीणा के अनुसार नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष उदयसिंह राजोरा, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी रामेश्वर दयाल शर्मा, तत्कालीन लेखाकार स्व संतोष कुमार सिंधी, कनिष्ठ लिपिक संजय पोरवाल और दोनों लाभार्थी शिवराज व संतोष कुमार पर नियम के विरुद्ध पट्टे जारी किये थे। दोनों लाभार्थियों पर पट्टे जारी करने का परिवाद 14 अगस्त 2015 को मिला था। पूरी तरह जांच करने पर आरोप सही पाए गए। इस पर जयपुर मुख्यालय ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया व आगे की जांच एसीबी एसपी भवानी शंकर मीणा को सौपी गई।
नगरपालिका ने 29 जून 2000 को भूखंड एक हजार स्क्वेयर फिट 48 रूपये वर्ग फिट पर नीलामी की गई थी। इस दौरान भूखंड 1/4 राशि 12000 रूपये जमा करवाई गई थी। बची राशि निर्धारित समय पर जमा करवानी थी। लेकिन संतोष से समय पर राशि जमा नहीं हुई और भूखंड आवंटन निरस्त हो चूका था। इससे भृष्ट अधिकारियो के दिमाग की घंटी बजी और लाभार्थी को लाभ पंहुचाने के लिए लाभार्थी से 36000 रूपये मूल, लीज व पेनल्टी राशि 25200 व ब्याज राशि 84240 रूपये कुल 181440 रूपये मे से 5000 रूपये धरोहर के रुप मे समायोजित कर शेष राशि 176440 रूपये राशि जमा करवाकर 13 साल बाद पट्टा जारी कर दिया। इसी प्रकार दूसरे लाभार्थी के साथ भी ऐसा कर शिवराज से भी 141600 रूपये लेकर 13 साल बाद पट्टा जारी कर दिया।