उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षकों के साथ ही पेंशनरों की हड़ताल के कारण अपने कार्य से विश्वविद्यालय आने वाले विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं। कर्मचारी संघ ने हड़ताल का रूख सख्त कर दिया है। ऐसे में आगामी परीक्षाएं यथावत चलेगी या स्थगित की जाएगी इसको लेकर भी फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है। कुलसचिव का कहना है कि परीक्षा के संबंध में अन्य विश्वविद्यालयों से चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संयुक्त संघर्ष समिति के आव्हान पर अधिकारी, कर्मचारियों शिक्षको, विश्वविद्यालय के पेशनरों की हड़ताल 15 मई से चल रही है। सोमवार को हड़ताल के 15 वें दिन विश्वविद्यालय का कार्य शाम 4 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया। इस दौरान अंकसूची, माइग्रेशन, परीक्षा परिणाम सुधार करवाने जैसे कार्यों को लेकर आए विद्यार्थी परेशान होते रहे। इधर कर्मचारी संघ ने भी सोमवार से हड़ताल का रुख तेज कर दिया है। सुबह से ही विश्वविद्यालय के किसी भी विभाग के ताले नहीं खोले गए। वहीं अध्ययनशालाओं में कार्य कर रहे कर्मचारियों को बाहर कर दिया है। समझा जा रहा है कि आने वाले समय में हड़ताल का रुख तेज होगा, जिसके कारण विश्वविद्यालय के कामकाज भी ठप होंगे। प्रशासनिक भवन के बाहर पेंशनर संघ के अध्यक्ष डॉ. जीके शर्मा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय गोस्वामी, उपाध्यक्ष कमल जोशी, सचिव संतोष मालवीय, राजेश ठाकुर, अमरनाथ सिंह, दीपक दुबे सहित अन्य पदाधिकारियों ने संबोधित किया।
विक्रम विश्वविद्यालय में चल रही हड़ताल में शिक्षक संघ भी शामिल है। इधर सोमवार को शाम 4 बजे तक हड़ताल का समय तय होने के बावजूद मुख्य प्रशासनिक भवन पर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारी कर्मचारी संघ के साथ नही थे। वहीं अधिकांश शिक्षक इंजीनियरिंग विभाग में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के आयोजन में व्यस्त दिखाई दिए। शिक्षकों की इस रवैया को लेकर कर्मचारियों में भी आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी सभी की एक साथ एक ही मांग पर हड़ताल हो रही है तो शिक्षक और अधिकारियों द्वारा संघर्ष समिति नियम क्यों नही मान रहे है। अधिकारी, शिक्षक हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे।
प्रदेश में संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर विश्वविद्यालयों में चल रही हड़ताल के मद्देनजर कुछ विश्वविद्यालयों में चल रही परीक्षाओं को स्थगित किया गया है। विक्रम विश्वविद्यालय में चल रही परीक्षाओं को लेकर जब कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से चर्चा के बाद ही विश्वविद्यालय में चल रही परीक्षाओं को जारी रखने या स्थगित करने का निर्णय लिया जाएगा। कुलसचिव ने कहा कि हम परीक्षाएं अतिथि विद्वानों से भी करा सकते है। परीक्षा स्थगित नही करना पड़ेगी। आगे चर्चा के बाद निर्णय लेेंगे।