शाजापुर। कृषि विज्ञान केंद्र शाजापुर में एग्रीकल्चर स्कीम काउंसलिंग ऑफ इंडिया के माध्यम से युवाओं के लिए मशरूम उत्पादक प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 10 मार्च 2023 से संचालित किया जा रहा है।जिले के कुल 25 युवाओं का चयन किया जाकर ग्रामीण स्तर पर कृषि के साथ-साथ मशरूम उत्पादन के द्वारा अतिरिक्त आमदनी का उपार्जन करना तथा आत्मनिर्भर भारत अंतर्गत युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु संपूर्ण प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ डॉ गायत्री वर्मा रावल के द्वारा दिया जा रहा है।
संपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान युवाओं को मशरूम क्या है उसका उत्पादन कैसे किया जा सकता है तथा भारत में कौन-कौन सी मशरूम की प्रजातियां पाई जाती है और कौन सी प्रजाति की मशरूम की खेती की जा सकती है के संबंध में बताया गया कि मुख्य रूप से हमारे देश में जलवायु के अनुसार चार प्रकार के मशरूम आसानी से की जा सकती है जिसमें आयस्टर मशरूम बटन मशरूम मिल्की मशरूम एवं पुआल मशरूम को कम लागत में आसानी से किया जा सकता है तथा आयस्टर मशरूम की पूरे वर्ष भर खेती की जा कर कम पूंजी निवेश में अधिक आय अर्जित की जाकर आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है! साथ ही विशेषज्ञ द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि मशरूम ना केवल आर्थिक लाभ दे सकता है बल्कि साथ ही साथ एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदान कर सकता है मशरूम उत्पादन के द्वारा आर्थिक लाभ के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि मशरूम में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है जोकि कुपोषण जैसी गंभीर समस्या को दूर करने में मददगार हो सकता है इसके साथ ही मशरूम के कई अन्य औषधीय गुण है जैसे इसमें कई प्रकार के विटामिन ,खनिज लवण, फाइबर पाए जाते हैं जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं साथ ही कई बीमारियों जैसे मोटापा, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, एवं कुपोषण जैसी समस्या में मददगार हो सकता है!
वर्तमान में देश में मशरूम काफी प्रचलित एवं उपभोक्ताओं की संख्या भी बढ़ रही है जिसकी पूर्ति के लिए मशरूम उत्पादन की तकनीकी जानकारी व प्रशिक्षण की अत्यंत आवश्यकता है उक्त को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा युवाओं को मशरूम उत्पादन की संपूर्ण तकनीक अंतर्गत बीज से लेकर फसल लेने तथा मार्केटिंग के साथ-साथ मूल्य संवर्धित उत्पाद एवं स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसे स्वयं युवा आत्मनिर्भर बन सके
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