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July 4, 2023, 12:10 pm
BIG NEWS : काली अंधेरी रात और पत्नी सपना, जब प्रेमी कमलेश के साथ मिलकर दिया इस घिनौनी घटना को अंजाम तो उड़े खाकी के होश, बेटियों ने मिटाई मां की ये निशानी, जानिये क्या है पूरा मामला, पढ़े खबर 

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सतना। एमपी के सतना शहर से महज 22 किमी की दूरी पर स्थित कोठी में जमीन के भीतर पाइप लाइन डालने के लिए खोदे गए गढ्डे से 24 जनवरी 2021 की रात हुई घटना का राज उगल दिया। जैसे ही कर्मचारी ने गढ्डा खोदा तो उसमें से एक युवक की सड़ी-गली लाश मिली, जिसका एक हाथ धड़ से अलग था। यह हाथ पुलिस को एक दिन पहले ही कुछ दूरी पर मिला था। इस शव की पुलिस ने पड़ताल की तो उसकी शिनाख्त सतना के रहने वाले एक शराब कंपनी के मैनेजर शैलेंद्र सिंह भदौरिया के रूप में हुई। लाश की पहचान पैर में डली रॉड और डीएनए टेस्ट के बाद हो सकी। पुलिस ने शैलेंद्र की हत्या के आरोप में पत्नी सपना और उसके प्रेमी कमलेश को गिरफ्तार किया था। बेटियों को जब पता चला कि उनके पिता की हत्या उनकी ही मां ने कर दी है तो उन्हें कातिल मां से इतनी नफरत हो गई कि उसकी निशानी मिटा दी।

घटना के 29 माह बाद आया फैसला, पत्नी को उम्रकैद-
अपर सत्र न्यायाधीश सतना यतेंद्र कुमार गुरु ने जनवरी 2021 में हुए इस हत्याकांड में 29 महीने बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने मृतक की पत्नी सपना सिंह और उसके प्रेमी कमलेश पिता अरविंद सिंह निवासी ग्राम पवैया कोठी को दोषी करार दिया। 30 जून को आए फैसले में कोर्ट ने सपना सिंह को आजीवन कारावास और एक हजार जुर्माने की सजा सुनाई। साक्ष्य छिपाने के आरोप में 5 साल की सजा और एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। सपना के प्रेमी कमलेश सिंह को सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए 5 साल की कैद के साथ 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। प्रकरण में राज्य शासन की तरफ से एडीपीओ बीएन शर्मा ने पैरवी की, जबकि मृतक के पिता की तरफ से एडवोकेट रामरूप पटेल ने तर्क पेश किए।

पुलिस को था पत्नी व अन्य पर शक-
शैलेंद्र कब, कहां और कैसे लापता हुआ? कोठी में उसका शव जमीन के भीतर किसने पहुंचाया? यह बात पिता देवेंद्र के समझ से परे थी। पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो पता चला शैलेंद्र एक शराब कंपनी में मैनेजर था। उसकी शादी गंजबासौदा में पदस्थ रहे जीआरपी के मुंशी की बेटी सपना से हुई थी। शैलेंद्र और सपना के तीन बच्चे हैं। इसमें एक बेटा और दो बेटियां हैं। पुलिस के शक के दायरे में घरवाले भी थे। शैलेंद्र अपने पिता के साथ एक ही घर में रहता था, लेकिन दोनों के किचन अलग-अलग थे। घर के एक हिस्से में शैलेंद्र, पत्नी और बच्चों के साथ रहता था, जबकि दूसरे हिस्से में माता-पिता। इसका पता चला तो शक की सुई शैलेंद्र की पत्नी की ओर भी घूम गई। प्रारंभिक पड़ताल में कुछ हाथ नहीं आया। हालांकि, पुलिस को उसकी बातों पर कुछ गड़बड़ लग रहा था।

शैलेंद्र की पत्नी पर पुलिस ने रखी नजर-
पुलिस ने इस बार तो सपना से सीधे कोई बात नहीं की, लेकिन उसकी हरकतों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी। आस-पड़ोस और परिचितों से पता चला कि घर पर जब कोई नहीं होता था, तब एक युवक आता था। उसके बारे में पता किया तो कमलेश सिंह का नाम सामने आया। पुलिस ने कमलेश को हिरासत में लिया और दोनों से कड़ाई से पूछताछ की तो पूरी कहानी सामने आ गई। सपना ने कबूल किया कि 24 जून की रात उसी ने पति शैलेंद्र की हत्या की थी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए देर रात उसने प्रेमी कमलेश को बुलाया था। बाइक से शव को ले जाकर उन्होंने कोठी क्षेत्र में एक गड्‌ढे में दफन कर दिया था।

पति के सिर पर तवे से किया था वार-
जांच अधिकारी रहे कोठी थाना प्रभारी शेषमणि पटेल कहते हैं, यह केस बहुत ही उलझा हुआ था, क्योंकि शैलेंद्र शराब कंपनी में काम करता था। हमने जांच अलग-अलग बिंदुओं पर शुरू की, लेकिन पिता के बयान के बाद पूरा केस पत्नी पर आकर टिक गया। उन्होंने बताया कि शैलेंद्र शराब के नशे में था। उनके बीच बहस हुई तो सपना ने शैलेंद्र के सिर पर तवे से वार कर दिया। तवे के वार से शैलेंद्र फर्श पर गिरा और उसकी सांसें थम गईं। पति के मौत से घबराई सपना ने लाश को ठिकाने लगाने की प्लानिंग कर डाली। पुलिस ने बचने के लिए उसने कमलेश को सीधे फोन नहीं करते हुए मैसेंजर पर संपर्क किया। उसने कमलेश को सारी बात बताई और घर आने को कहा।

प्रेमी के साथ मिलकर शव को लगाया ठिकाने- 
कमलेश आधी रात को घर आया। शैलेंद्र फर्श पर मृत पड़ा था और खून फैला हुआ था। कोई जाग जाए, इसके पहले उन्हें शव को ठिकाने लगाना था। खून का दाग कमलेश को नहीं लगे, इसलिए सपना ने शैलेंद्र का रेनकोट उसे पहनने को दे दिया। दोनों ने शव को बाइक पर रखा और इस तरह टिकाया कि कोई देख भी ले तो शक नहीं हो। दोनों ने चेहरा ढंका और शहर से करीब 22 किमी दूर कोठी क्षेत्र में पहुंचे। यहां पर पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढे में शव को दफनाया और घर लौट आए। सपना ने कमरे से खून साफ किया और खून लगी साड़ी को साफ करके चौक पर रखे कचरे के डिब्बे में डाल दिया। सारे सबूत मिटाने के बाद वह सो गई। 25 तारीख को ससुर के पूछने पर उसने जल्दी दुकान जाने का कह दिया। जब दुकान से लोग उसके बारे में पूछने घर आए तो सपना ने शैलेंद्र के लापता होने पर परेशान होने का नाटक किया। पति की लाश घर आई तो खूब रोई। बेहोशी का नाटक भी किया। हालांकि, कड़ाई से पूछताछ के बाद राज खुल गया।

बेटे से नौकरी मांगने आया था घर, बहू के करीब आ गया-
पिता देवेंद्र ने बताया कि कमलेश का हमारे घर कब से आना शुरू हुआ, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। मैं अपने काम पर चला जाता था और बेटा अपनी ड्यूटी पर। बच्चे स्कूल चले जाया करते थे। घर पर अपने पोर्शन में सपना अकेले रहती थी। उसके यहां कौन-कब आता है? न तो इसकी जानकारी किसी को होती थी और न ही पता करने की हमें कभी जरूरत महसूस हुई। हां, कमलेश एक-दो बार पहले शैलेंद्र से मिलने आया था। तब पता चला था कि वह कोठी क्षेत्र के पवैया गांव का रहने वाला है और शराब कंपनी में काम करने का इच्छुक है। उसे शैलेंद्र के कहने पर ही नौकरी मिल सकती थी। शैलेंद्र अपनी कंपनी का बेहद विश्वास पात्र था। मैंने उसे कई बार कुछ और काम करने के लिए कहा, लेकिन वह खुद भी और कंपनी वाले उसे छोड़ने को तैयार नहीं थे, इसलिए कमलेश उसकी सिफारिश के लिए आया था। नौकरी मांगने आए कमलेश और सपना की नजदीकी ऐसे बढ़ी कि उन्होंने शैलेंद्र की ही जान ले ली।

बेटियों ने मां की एक-एक तस्वीर फाड़ डाली-
अदालत में केस की पैरवी करने वाले एडीपीओ बीएन शर्मा ने बताया कि इस घटना का मृतक की बेटियों पर असर कुछ ऐसा पड़ा कि उन्होंने अपनी मां से बात करना तक मुनासिब नहीं समझा। अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान एक वक्त ऐसा आया, जब बेटियों से कहा गया कि वे चाहें तो अपनी मां से बात कर सकती हैं। बेटियों ने बात करने से मना करते हुए कहा था कि अगर हम यह नहीं पूछ सकती कि हमारे पिता को क्यों मारा तो हमें सपना से कोई बात नहीं करनी है। 
पिता देवेंद्र सिंह बताते हैं कि पोतियां सपना से इस कदर नफरत करती हैं कि उन्होंने सपना की घर पर रखी एक-एक तस्वीर खोजकर फाड़ डाली। अब हमारे पास उसकी एक भी तस्वीर नहीं है, जिससे हम आपको यह बता सकें कि यह सपना है।

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