भोपाल। पीएनसी माताओं एवं उनके परिजनों को स्तनपान के महत्व की जानकारी निरन्तर दी जा रहीं है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि प्रसूता माताओं तथा उनके महिला परिजनों से कहा है कि शिशु जन्म के तुरंत बाद से 6 माह तक मां का दूध पिलाएं और बच्च को तंदुरूस्त बनाए। प्रसव के 1 घंटे के भीतर नवजात शिशु को अपना गाढा, पीला, पौष्टिक दूध (कोलस्ट्रम) अवश्य पिलाएं। जन्म के तुरंत बाद से 6 माह तक शिशु को सिर्फ मां का दूध ही पिलाए और 6 माह तक शिशु को पेय पदार्थ, पानी, घुट्टी इत्यादि न पिलाए। छ: माह की आयु के उपरांत स्तनपान के साथ-साथ शिशु के विकास के लिए उपयुक्त एवं पर्याप्त पूरक आहार दलिया, खिचडी, भाप में पके फल, खीर खिलाए। याद रखें मां का दूध ही शिशु का पूरा पोषण है और बीमारियो से बचाता है।