मंदसौर। जिले की भानपुरा कृषि उपज मण्डी के हाल बेहाल है। मण्डी सचिव अशोक जैन की अकर्मण्यता के चलते मण्डी सुनसान रहती है और नगर के कतिपय व्यापारी अपनी दुकान/गोदाम पर प्राईवेट जिंस खरीदी कर रहे है। मण्डी सचिव पिछले 3 साल से मण्डी संचालन में रुचि नही दिखा पाए है क्योंकि व्यापारी जो भी बाहर माल खरीद रहे है उनसे याराना है। मण्डी सुनसान पडी रहती है और व्यापारी बाहर के बाहर माल खरीदी कर रातोंरात बिना मण्डी टैक्स दिए बिना अनुज्ञा के ही कोटा व कसार मण्डी रवाना कर देते है।
फिलहाल रोजाना 2000 बोरी अनुमानित सोयाबीन भानपुरा में व्यापारीयों की दुकानों पर बिकने आ रही है लेकिन मण्डी परिसर का सुरत ए हाल बताता है कि मण्डी तो आय की बजाय बाय बाय होने में लगी है। विचारणीय यह भी हैं कि जब मण्डी में आय नही हो रही तो मण्डी का संचालन क्यो किया जा रहा है। घाटे में मण्डी संचालन का औचित्य नही रह जाता है। मण्डी स्टाफ की तनख्वाह भी न निकल पाए एसी मण्डी का संचालन यदी करना है तो बाहर तुल रहे माल पर कार्यवाही की जरुरत है। वहीं लेदी चौराहा पर रात्रि में जिंस लदे ट्रको को रोककर अनुज्ञा जांच की जाना चाहीये। शामगढ़, सुवासरा, गरोठ से भी बिना अनुज्ञा के रातोंरात गाडीया भानपुरा होकर ही राजस्थान के लिये निकलती है। सांठगांठ के चलते मण्डी इंस्पेक्टर भी 6 माह पुर्व निलम्बित हो चुका है वहीं मण्डी सचिव को अकर्मण्यता के बावजूद निलम्बन की बजाय आफिस में बैठे बैठे व यदा कदा अनुपस्थिति रहने की भी तनख्वाह मिल ही रही है।