शिवपुरी। जिले के अमोलपठा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर कर जननी एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाई जा रही प्रसूता ने बीच रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। लेकिन प्रसव के दौरान बच्चा आधा फंस गया था। आफत में पड़ी जच्चा-बच्चा की जान एम्बुलेंस के ईएमटी और पायलट की सूझबूझ से बच सकी। जच्चा-बच्चा को सुरक्षित जिला अस्पताल पहुंचाया गया। दोनों अब स्वस्थ बताए जा रहे हैं। घटनाक्रम शनिवार देर रात का है।
जानकारी के मुताबिक थरखेडा गांव की रहने वाली 20 साल की प्रसूता सरस्वती आदिवासी पत्नी सतीश आदिवासी को अमोलपठा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। लेकिन बच्चा उल्टा होने की वजह से उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल के लिए रात 12रू00 बजे रेफर किया गया था। जननी एम्बुलेंस पर तैनात ईएमटी संजीव तोमर ने बताया कि सुरवाया के पास प्रसूता को तेज प्रसव पीड़ा होने के साथ बच्चा आधा बाहर आकर फंस गया था। इससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान का खतरा बढ़ रहा था।
तत्काल डीएम से एम्बुलेंस की तय रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर अधिक रफ्तार से एम्बुलेंस को जिला अस्पताल पहुंचाने की परमिशन मांगी गई थी। स्वीकृति मिलने के बाद एम्बुलेंस के पायलट कालूराम पाल ने सुरवाया से शिवपुरी के बीच खराब सड़क पर 80-90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से एम्बुलेंस को सुरक्षित जिला अस्पताल पहुंचा दिया था। जिससे जच्चा बच्चा की जान बच सकी है। प्रसूता के एक स्वस्थ बालक नवजात को जन्म दिया।