भोपाल। राजधानी की गोविंदपुरा सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध शुरू हो गया है। टिकट न मिलने से नाराज नेताओं ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। रविवार दोपहर कांग्रेस नेत्री दीप्ति सिंह के समर्थन में बड़ी संख्या में महिलाएं प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर पहुंच गईं। हाथों में तख्तियां लेकर दीप्ति सिंह को टिकट देने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गईं।
बता दें कि इस क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय समर्थक रवींद्र साहू झूमरवाला को टिकट दिया है। इसका दीप्ति सिंह विरोध कर रही हैं। दीप्ति को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें टिकट मिल जाएगा। दरअसल वो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की समर्थक मानी जाती हैं। उन्होंने टिकट की आस में गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी थी। महिलाओं के बीच जाकर भजन-कीर्तन करा रही थीं। सभाओं व प्रदर्शन में सक्रिय थीं।
गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में श्रमिक नेता दीपक गुप्ता ने प्रत्याशी चयन को लेकर विरोध जताते हुए कहा कि पार्टी ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में सर्वे के आधार पर टिकट नहीं दिया है। मेरा नाम सर्वे में था, क्योंकि बीते सात वर्षों में मेरी गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता रही। सबसे अधिक भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए। मेरे ऊपर भाजपा सरकार ने एफआइआर भी दर्ज कराईं। गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में भेल कारखाने से सेवानिवृत कर्मचारी, वर्तमान कर्मचारी, ठेका श्रमिक व उनके परिजनों के मिलाकर कुल संख्या एक लाख 74 हजार है। यदि किसी श्रमिक नेता को कांग्रेस टिकट देती तो भाजपा का गढ़ कही जाने वाली गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस बढ़त की स्थिति में होती। गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में इतिहास रहा है कि एक बार करनैल सिंह, आरडी त्रिपाठी को टिकट मिला तो श्रमिकों की मांगें उठाकर राजनीति करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय बाबूलाल गौर को अच्छी टक्कर दी थी। गौर मप्र शासन में मंत्री व मुख्यमंत्री तक बने।