ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों अपना शाही अंदाज छोड़कर आम आदमी के रूप में पहचान बनाने के प्रयास में जुटे हैं। कांग्रेस में स्टार प्रचारक के रूप में सभाएं लेने वाले सिंधिया भाजपा में स्टार प्रचारक के तौर पर सभाएं तो संबोधित कर ही रहे हैं, संगठन में बूथ स्तर तक की बैठकों का आयोजन भी कर रहे हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल के चुनाव का जिम्मा सिंधिया पर है। विधानसभा के साथ उन्हें लोकसभा चुनाव की जमीन भी तैयार करना है। गुना में हुई हार के बाद अब वे प्रत्येक व्यवस्था की समीक्षा खुद कर रहे हैं।
2018 में अंचल की 34 सीटों में से 26 कांग्रेस के पाले में गई थीं। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद उपचुनाव में अंचल की 15 सीटों में से भाजपा ने 9 सीटें हासिल की थीं। वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई का कहना है कि कांग्रेस में सिंधिया आदेशात्मक स्थिति में थे। हाईकमान से सीधे संबंध के कारण कार्यपद्धति भी उसी तरह की रही। भाजपा में काम करने का तरीका अलग है।
सत्ता के साथ संगठन का काम
कांग्रेस में सिंधिया ने सिर्फ स्टार प्रचारक के रूप में काम किया। चुनिंदा कार्यकर्ताओं से ही उनकी नियमित मुलाकात होती थी। अब वे बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर उनसे चुनाव संबंधी चर्चा करते हैं। बूथ पर पार्टी की पकड़ बढ़ाने के टिप्स भी दे रहे हैं।
समाजों में पकड़ की कोशिश
सिंधिया ग्वालियर प्रवास के दौरान दिनभर के कार्यक्रमों से निपटने के बाद आधी रात तक विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों को महल में बुलाकर चर्चा करते हैं। इस दौरान वे उन समाजों से संबंधित समस्याओं और मांगों पर भी बात करते हैं। समाजों के कार्यक्रमों में भी लगातार जा रहे हैं।
सुख-दुख में शामिल३ सिंधिया खुद कुछ साल पहले तक चुनिंदा लोगों के घर ही जाते थे। तीन साल पहले उन्होंने कार्यकर्ताओं सहित आम लोगों के सुख-दुख में शामिल होना शुरू कर दिया है। सरकारी सहायता भी मुहैया करा रहे हैं।