रतलाम। शहर की पुरातात्विक धरोहर गुलाब चक्कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रही है। ऐतिहासिक महत्व का स्थल गुलाब चक्कर सन 1888 में महाराजा रणजीत सिंह जी के शासनकाल में बनवाया गया था। इसका नामकरण राजा ने अपनी पुत्री गुलाब कंवर बा के नाम पर दर्ज कराया था। पिता पुत्री के स्नेह की मिसाल गुलाब चक्कर के रूप में स्थापित हुआ । चौराहे के बीचो-बीच एक गोल चक्कर था जहां पर गुलाब खिला करते थे। अंग्रेज इसे सर्कुलर गार्डन कहां करते थे। धीरे-धीरे यह केंद्र शहर की प्रशासनिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बना। समय के साथ इसकी चमक कम होती गई। किंतु वर्तमान कलेक्टर राजेश बाथम के प्रयासों से एक बार फिर गुलाब चक्कर अपनी रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है। कलेक्टर राजेश बाथम और जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद रतलाम के प्रयासों से यहां गीत संगीत के नित नए आयोजन हो रहे हैं ।
मंगलवार की शाम को स्वास्थ्य विभाग जिला रतलाम के आधिकारिक कर्मचारियों के द्वारा कार्यक्रम की संगीतमई प्रस्तुति दी गई। आयोजन के दौरान सिविल सर्जन डॉक्टर एम एस सागर , डॉ ए पी सिंह, सुदर्शना सिंह, डॉ गोपाल यादव , डॉ महेश मौर्य, अनिल परिहार, सुनील धनदौर, कैलाश यादव , डॉ जितेंद्र जायसवाल, देवेंद्र सिंह तोमर, भरत लिंबोदीया, राकेश कुमार बोरिया, रमेश सोलंकी, लोकेश वैष्णव, कुमारी अवनी उपाध्याय, विपिन शर्मा, विजय सोनी, विशाल वर्मा आदि ने अपनी संगीत में प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । कार्यक्रम के दौरान सहायक परियोजना अधिकारी जिला शहरी एवं ग्रामीण विकास अभिकरण अरुण कुमार पाठक, रमेश सोनी पत्रकार, अनस बेलीम, शीला चौहान, सौरभ देवड़ा, दीपक उपाध्याय, सचिन वर्मा सहित अनेक नागरिक उपस्थित रहे।